ट्रेन में मिडिल बर्थ को लेकर अलग है नियम, यात्रियों को सफर से पहले जरूर पता होना चाहिए

बिहार पत्रिका/पारस नाथ पटना
ट्रेन में सफर को हर कोई आरामदायक बनाना चाहता है। टिकट बुकिंग के वक्त ही बर्थ सेलेक्शन किया जाता है। हर मुसाफिर अपना कन्फर्ट देखता है। बर्थ से लेकर सामान को एडजस्ट करने तक सबकुछ परफेक्ट चाहता है।

रेलवे के नियमों को पढ़ा जाए तो कोई भी आपकी यात्रा सही मायने आरामदायक हो जाएगी।

ट्रेन में सफर को हर कोई आरामदायक बनाना चाहता है. टिकट बुकिंग के वक्त ही बर्थ सेलेक्शन किया जाता है। हर मुसाफिर अपना कन्फर्ट देखता है। बर्थ से लेकर सामान को एडजस्ट करने तक सबकुछ परफेक्ट चाहता है. लेकिन, ऐसा होता नहीं. क्योंकि, रेलवे का पास भी हर चीज की लिमिटेशन है. लेकिन, यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कड़े नियम बनाए हुए हैं. इन नियमों की जानकारी होना और उन्हें फोलो करना दोनों ही जरूरी है. सफर के दौरान मीडिल बर्थ आपको मिल जाए तो क्या करेंगे. क्योंकि, लोअर बर्थ वाले मुसाफिर अक्सर देर रात तक बैठे रहते हैं. ऐसे में काम आते हैं रेलवे के नियम, मिडिल बर्थ को लेकर रेलवे के निमय अलग हैं.

रेलवे के नियमों को पढ़ा जाए तो कोई भी आपकी यात्रा सही मायने आरामदायक हो जाएगी. यात्रा करते वक्त अपने अधिकार और रेलवे के नियमों की जानकारी शायद ही कुछ लोगों को होती है. लेकिन, ये नियम बड़े काम के होते हैं. इनकी जानकारी न होने पर अक्सर यात्री धोखा खाते हैं.

मिडिल बर्थ के लिए सोने का नियम

अक्सर हम देखते हैं कि मिडिल बर्थ पर सोने वाले यात्री, इसे ट्रेन शुरू होते ही खोल लेते हैं. इससे लोअर बर्थ वाले यात्री को काफी दिक्कत होती है. रेलवे के नियम के मुताबिक, मिडिल बर्थ वाला यात्री अपनी बर्थ पर 10 बजे रात से सुबह 6 बजे तक ही सो सकता है. रात 10 से पहले अगर कोई यात्री मिडिल बर्थ खोलने से रोकना चाहे तो रोका जा सकता है. वहीं, सुबह 6 बजे के बाद बर्थ को नीचे करना होगा, ताकि अन्य यात्री लोअर बर्थ पर बैठ सकें.


दो स्टॉप का नियम

अगर आप की ट्रेन छूट जाती है तो टीटीई अगले दो स्टॉप या अगले एक घंटे तक (दोनों में जो पहले हो) आपकी सीट किसी और यात्री को अलॉट नहीं कर सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि अगले दो स्टॉप में से किसी से आप ट्रेन पकड़ सकते हैं. तीन स्टॉप गुजर जाने के बाद टीटीई के पास अधिकार होता है कि वह आरएसी लिस्ट में अगले व्यक्ति को सीट अलॉट कर दे।

यात्रा को बढ़ाना

कई बार पीक सीजन के दौरान आप जिस स्टेशन तक जाना चाहते हैं, वहां तक की टिकट नहीं मिलती है. उस स्थिति में यात्री कुछ स्टेशन पहले के लिए टिकट ले लेते हैं. इस स्थिति में निर्धारित स्टेशन पर पहुंचने से पहले टीटीई को सूचित करके अपनी यात्रा को बढ़ा सकता हैं. टीटीई आपसे अतिरिक्त किराया वसूलेगा और आगे की यात्रा के लिए टिकट बना देगा. आपको अलग बर्थ मुहैया कराया जा सकता है. अगर खाली बर्थ नहीं मिला तो आपको बाकी यात्रा चेयर कार में करनी होगी.

रात 10 बजे के TTE नहीं करेगा टिकट चेक

आपकी यात्रा के दौरान ट्रैवल टिकट एग्जामिनर (TTE) आपसे टिकट लेने आता है. कई बार वह देर आकर आपको जगाता है और अपनी आईडी दिखाने को कहता है. लेकिन, आपको बता दें, रात 10 बजे के बाद TTE भी आपको डिस्टर्ब नहीं कर सकता है. टीटीई को सुबह 6 से रात 10 बजे के बीच ही टिकटों का वेरिफिकेशन करना जरूरी है. रात में सोने के बाद किसी भी पैसेंजर को डिस्टर्ब नहीं किया जा सकता. यह गाइडलाइन रेलवे बोर्ड की है. हालांकि, रात को 10 बजे के बाद यात्रा शुरू करने वाले यात्रियों पर यह नियम लागू नहीं होता.

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