पटना, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मानव अधिकार रक्षक ट्रस्ट ने पटना के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई एम ए) हॉल में 8 मार्च को “सम्मान समारोह” का अयोजन किया है।
मानव अधिकार रक्षक के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संस्थान की संस्थापिका रीता सिन्हा,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रितु कुमारी एवम बिहार प्रदेश अध्यक्ष चेतन थिरानी के नेतृत्व में अयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत एक आंदोलन के रूप में हुई थी। यह आंदोलन आज से करीब 113 वर्ष पहले 1908 में शुरु हुई थी। इसकी शुरूआत अमेरिका के न्यूयॉर्क में करीब 15 हजार महिलाओं ने मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों, बेहतर वेतन और मतदान के अधिकार की मांग की थी।
मानव अधिकार रक्षक के अध्यक्ष ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व विधायिका-सह- महिला आयोग की सदस्य उषा विद्यार्थी, मनोचिकित्सक डॉक्टर बिंदा सिंह और इंस्पेक्टर आरती जयसवाल रहेंगी।
अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने यह भी बताया कि महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय बनाने का विचार क्लारा ज़ेटकिन नामक महिला की देन है। 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में क्लारा ज़ेटकिन ने इस विचार का सुझाव दिया था। वहां 17 देशों की 100 महिलाएं थीं और वह सब सर्वसम्मति से उसके सुझाव पर सहमत हुए। उसके बाद, पहली बार 1911 में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में महिला दिवस मनाया गया था। रूस ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को आधिकारिक अवकाश घोषित किया था।
संस्थान की संस्थापिका रीता सिन्हा ने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जब पुरुष युद्ध पर थे, तब महिलाएं भोजन की कमी से जूझ रही थी और सरकारें उनकी बात नहीं सुन रही थी। ऐसी स्थिति में 8 मार्च 1917 को हजारों रूसी महिलाओं ने बदलाव की मांग करते हुए सड़कों पर उतरीं थी।
वहीं बिहार प्रदेश अध्यक्ष चेतन थिरानी ने बताया कि संस्था की ओर से सम्मान समारोह के अतिरिक्त
कदमकुआं स्थित मछली गली में स्वास्थ कमिटी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजेश कुमार गुप्ता के सहयोग से जरूरतमंदो के लिए निःशुल्क जांच शिविर का आयोजन भी होगा। इसमें
लोगों का स्वास्थ जांच और जरूरत के अनुसार मुफ्त दवाई भी दी जायेगी।