पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में आर-पार की जंग छिड़ी है. राजनीतिक लड़ाई का असर केंद्र और राज्य सरकार के बीच होने वाले तालमेल पर भी पड़ता दिख रहा है. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वभारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया, प्रोटोकॉल के तहत बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी इस इवेंट में शामिल होना था. हालांकि, उन्होंने इसमें हिस्सा नहीं लिया जिसपर अब विवाद हो रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस कार्यक्रम में मुख्य संबोधन था, जिसमें शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल, राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी शामिल हुए. हालांकि, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसमें हिस्सा नहीं लिया. ममता बनर्जी को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 4 दिसंबर को ही न्योता भेजा गया था, जो कि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की ओर से भेजा गया था.
एक ओर जहां यूनिवर्सिटी प्रशासन दावा कर रहा है कि बंगाल की सीएम को न्योता भेजा गया था, तो दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि ममता बनर्जी को कोई न्योता मिला ही नहीं. हालांकि, इस बीच गुरुवार को ही ममता बनर्जी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने वाली हैं.
विश्वभारती यूनिवर्सिटी में पीएम मोदी के संबोधन के तुरंत बाद टीएमसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें पीएम मोदी पर निशाना साधा गया, टीएमसी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी बंगाल को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही TMC ने कहा कि पीएम मोदी जबरन ही रवींद्र नाथ टैगोर के गुजरात कनेक्शन पर जोर दे रहे हैं.
आपको बता दें कि इससे पहले भी ऐसे कई मौके आए हैं, जहां ममता बनर्जी केंद्र सरकार के किसी कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार करती आई हैं. या किसी बैठक में खुलकर केंद्र सरकार का विरोध किया है.