मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड के खौना गांव में प्राथमिक उप-स्वास्थ्य केन्द्र वर्षो से बंद रहने के विरुद्ध गांव के जाप कार्यकर्ताओं ने विधायक व सरकार के विरुद्ध रोषपूर्ण प्रदर्शन। इस दौरान समाजिक दूरी बनाकर युवाओं ने जमकर नारेबाजी भी किया।
ग्रामीण में संजय राउत, वीरेन्द्र पासवान, संतोष साह,संजय साह,युमुना पासवान, सनोज पासवान, संजय मंडल, सुनील साह,राजू सहनी समेत अन्य ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि गांव में एक ही जगह दो-दो उप स्वास्थ्य केन्द्र मवेशियों का चारा घर बना हुआ है। ग्रामीणों में कोरोना संक्रमण का भय बना हुआ है, लेकिन यहां कोरोना जांच तो दूर एक एएनएम तक नहीं आती है। उप-स्वास्थ्य केन्द्र का बना हुआ करीब बीस साल हो गया, लेकिन ईलाज तो दूर आजतक उदघाटन भी नहीं हुआ है।
उधर पीएचसी बासोपट्टी की दुरी दस किलोमिटर होने से कई बार प्रसूति महिलाएं रास्ते में ही दम तोड़ देती है। कई बार सर्पदंश के पीड़ित भी रास्ते में दम तोड़ चूकें है। इन समस्याओं को लेकर स्थानीय खजौली से भाजपा विधायक अरुण शंकर प्रसाद को पांच माह पहले कहा गया तो उन्होंने लिखित आवेदन का मांग किया। फिर हमलोगों ने दर्जनों ग्रामीणों का हस्ताक्षर करवाकर संयुक्त रुप से विधायक को आवेदन भी दिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने कहा कि करीब पांच साल से तमाम सरकारी अफसरों के दफतर का चक्कर काटकर थक चूकें है, लेकिन अफसरशाही की सरकार में कौन सुनेगा?
उन्होंने पप्पू यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि नितीश सरकार में सच्चाई से पर्दा उठाने वाले को साजिश रचकर जेल भेज दिया जाता है, ऐसे सरकार से हमलोग क्या उम्मीद रख सकते है।