मधुबनी में यास का पड़ा असर, एक तो लॉक डाउन दूसरा ये तूफान कर रहा जीवन प्रभावित

मिथिलांचल में बंगाल की खाड़ी से उठने वाले यास तूफान का प्रभाव सुबह 06बजे से काफी बादल की गर्जन के साथ तेज हवा एवं बारिश चली, जिससे लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल पड़ा है। लेकिन अभी तक स्थानीय प्रशासन के द्वारा कहीं हताहत होने की खबर की पुष्टि नहीं हुई है

लोग सभी अपने घरों में दुबके पड़े हैं, जबकि यास तूफान का झलक कल से ही दिखाई दे रहा था। रात होते-होते बादल घनघोर घटा का रूप धारण कर लिया था। कुछ किसानों ने खेतों में धान की बीज वो दी थी, जो पानी के जलजमाव से डूब गई है। एक तरफ कोविड-19 की मार दूसरी तरफ यास तूफान की कहर से स्थानीय लोगों ने चिंता का संशय बना हुआ है।

काफी जगहों से मिथिलांचल के इलाके के परिवार रह रहे बंगाल में उड़ीसा असम में आंध्र प्रदेश में और झारखंड में रहने वाले परिजनों का दूरभाष पर जिज्ञासा ले रही है। मिथिलांचल में भी रात से बिजली गुल हो रही है। मिथिलांचल के छोटे-छोटे नदियां उफान में आ गई है।

कुछ ऐसे मजदूर वर्ग के लोग हैं जो दैनिक भत्ता पर अपने परिवार की रोजी-रोटी चलाते थे। उनका भी आस कहीं यह चक्रवात ने भूख की नींद सुलाने की तैयारी कर दी है। सड़क की हालात कई जगहों पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है, लोगों का परिचालन भी बाधित हो रही है। अब देखना यह है कि सरकार कितने हद तक इस समस्या से लोगों को निजात दिला पा रही है।

लेकिन प्रशासनिक महक के द्वारा सभी को 24 मई को ही अलर्ट कर दिया गया था। फिर भी लोगों के अंदर यह भाई बनी हुई है, की अब क्या होगा? एक तरफ जहां कोविड-19 की कहर, वहीं दूसरी तरफ यास चक्रवात से प्रभावित मिथिलांचल भयभीत है।

कुछ लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के द्वारा दिए गए आवास का निर्माण का कार्य छत तक चला गया है, लेकिन आवास सहायक के नजर अंदाज में लापरवाही के कारण छत से बिना छत के अंदर अब जीवन बिताना मुश्किल पड़ गया है, कि कब तक यह मार झेलनी पड़ेगी?

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