मधुबनी: निर्माणाधीन एनएच- 104 पदुमा, कुमरखत, करौंहा और तेनुआही के करीब 300 से ज्यादा किसानों को भू-अर्जन विभाग के लापरवाही व मनमानी रवैयो के कारण भूस्वामी को भूमि अधिग्रहण का मुआवजे के लिए दर- दर भटकना पड़ रहा है। उक्त निर्माणाधीन सड़क का करीब दस वर्ष पूर्व निर्माण के लिए गजट तीन – तीन बार समाचारपत्रों में प्रकाशित होने के बाद भी विभाग मुआवजा नहीं दे पाई है। एनएचएआई ने भु-अर्जन विभाग मधुबनी को वर्ष 2016-17 ई. में ही मुआवजे की रकम हस्तांतरण कर दिया है। भू-अर्जन विभाग किसानों को करीब छः साल से परेशान किये हुए है.
वहीं कुछ शिक्षित लोगो ने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तो न्यालय के आदेश पर भू-अर्जन विभाग ने आनन फानन में भुगतान कर दिया। वहीं शेष बचे हुए भाग दौड़ से असमर्थ व अनपढ़ किसानों को अब तक फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं हुआ है। किसानों ने बताया कि विभाग के पदाधिकारी से जब बात करते है तो ढंग से बात भी नहीं करते है और बहाना बना कर अपना पल्ला झाड़ बड़े पदाधिकारियों के जिम्मे भुगतान की बात कहते आ रहे है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों व भूस्वामी संतोष गुप्ता, छठू साह ,लक्ष्मी यादव,प्रमिला देवी, राजकुमार झा, बेचन सदाय समेत दर्जनों किसानों ने डीएम से लिखित तौर पर शिकायत किया है। शिकायत के बाबत भू – अर्जन विभाग ने कहा जिलाधिकारी के आदेश मिलने पर वंचित किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा।
मधुबनी से संतोष कुमार शर्मा कि रिपोर्ट