सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक, गांधी परिवार से इतर कोई और बन सकता है अध्यक्ष

कांग्रेस  में लंबे समय से पूर्ण कालिक अध्यक्ष की मांग के बीच सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ेंगी. सोनिया के पद को छोड़ने के बाद अब कांग्रेस के सामने नया अध्यक्ष चुनने की चुनौती है, क्योंकि राहुल गांधी  और प्रियंका गांधी पहले भी कह चुके हैं कि कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी परिवार से इतर कोई और बनें. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि यदि राहुल या प्रियंका दोनों में से ही कोई भी पद की जिम्मेदारी नहीं लेते तो अब कांग्रेस की कमान किसके हाथों में जाएगी? कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन होगा? कांग्रेस पार्टी पिछले छह सालों से केंद्र की सत्ता से बाहर है. आगे भी कांग्रेस का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है.  कांग्रेस में सोनिया गांधी का अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर एक साल पूरा हो चुका है और पार्टी अब नए सिरे से अध्यक्ष चुनने के लिए तैयार है. इसी दिशा में सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक भी होनी है.

उत्तर से लेकर दक्षिण तक कांग्रेस के नेताओं पर नजर डाली जाए तो पार्टी के पास टैलेंट की कमी नहीं है.  पार्टी में ग़ुलाम नबी आज़ाद, पी चिदंबरम, अहमद पटेल, मुकुल वासनिक, कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंह, मिलिंद देवड़ा, शशि थरूर, मनीष तिवारी जैसे  नेता भी हैं, तो
कांग्रेस के पास पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, एके एंटनी, सुशील कुमार शिंदे जैसे कई दिग्गज भी हैं. वर्तमान में 4 राज्यों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री भी हैं- कैप्टन अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और वी नारायणसामी. इन्हें भी पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है. हालांकि पार्टी का अंतिम फैसला क्या होगा और किसे अध्यक्ष बनाया जाएगा इस पर सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होने वाली है. इस बैठक में पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर फैसला हो सकता है.

बता दें कि अब कांग्रेस के ही 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बड़े बदलाव करने की मांग की है. इन नेताओं में 5 पूर्व मुख्‍यमंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्‍य, सांसद और तमाम पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. इन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में पूरी तरह से बदलाव लाने के लिए कहा है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, इस पत्र में नेताओं ने बीजेपी की प्रगति को स्वीकार किया है. उन्होंने स्वीकार किया है कि युवाओं ने निर्णायक रूप से नरेंद्र मोदी को वोट दिया. कांग्रेस ने युवाओं का विश्वास खोया है और ये गंभीर चिंता का विषय है.

इसपर अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने कहा कि अध्यक्ष पद पर एक साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हूं. अब कांग्रेस के नेता अपना नया अध्यक्ष चुन लें. सोनिया के इस बयान के बाद कांग्रेस में फिर से उहापोह की स्थिति बनी है.

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