पटना नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड पार्षद के लिए आगामी २० अक्टूबर को मतदान होना है. कई प्रत्याशी चुनावी समर में कूद चुके हैं. “जानिए अपने मेयर प्रत्याशी को” के अंतर्गत आज हम चर्चा करेंगे विनीता श्रीवास्तव की. विनीता श्रीवास्तव पढ़ी लिखीं गृहणी हैं. पटना मेयर के चुनाव में उतरी विनीता स्नातक हैं और समाजसेवी राजेश कुमार डब्लू की पत्नी हैं.
विगत लगभग तीन दशक से भी अधिक समय से समाजसेवा में सक्रिय राजेश कुमार डब्लू स्वतंत्र सामाजिक कार्यकर्त्ता हैं. पटना की हृदयस्थली पर अवस्थित मौर्यलोक काम्प्लेक्स शौपकीपर एसोसिएशन के अध्यक्ष होने के साथ साथ वे कई सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े हुए हैं.
स्पष्ट मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में उतारें हैं अपनी पत्नी को राजेश कुमार डब्लू
राजेश कुमार डब्लू मेयर पद के लिए संघर्ष के लिए उस वक़्त से उतर चुके थे जब पटना में इस पद के लिए कोई नाम सामने नहीं आया था. वे अपने स्पष्ट मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में उतरें हैं. उनकी कुछ खास बातें हैं जो उन्हें औरों से अलग करती है. स्पष्ट शब्दों में वे पिछले मेयर के कार्यकलापों से नाराजगी जताते हुए कहते हैं कि पटना को स्मार्ट सिटी बनाने के खोखले दावे कर आम पटना वासियों को बेवकूफ बनाने की कवायद की जा रही है. वे बताते हैं कि महिला मेयर होने के बाद भी शहर में महिलाओं के शौचालय की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. उन्होंने पटना में “पिंक शौचालय” बनाने की बात करते हुए कहते हैं कि “मेरी सोच पटना को बदलने की है और हम इसे पूरा करेंगे.”
दृढ निश्चय के साथ अपने पिछले 8 महीने से चुनावी जन्समपर्क कर रहे राजेश कुमार डब्लू को उस वक़्त झटका लगा जब पटना के मेयर सीट को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया. समर्थकों के साथ विचार करने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारने का मन बनाया. हालाँकि उनकी पत्नी एक गृहणी हैं बावजूद इसके उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था.
“बिल्ड एंड फॉरगॉट” पर नहीं बल्कि “बिल्ड एंड मेंटेनेंस” पर काम करेंगे
अब आते हैं चुनावी मुद्दों पर, राजेश कुमार डब्लू पटना को स्वच्छ बनाने, पिंक शौचालय बनाने, कचड़ा प्रबंधन के लिए उत्कृष्ट रणनीति, स्मार्ट सिटी के सभी मानदंडो पर खड़ा उतरने आदि मुद्दों को लेकर मैदान में उतरे हैं. राजेश बताते हैं कि वे “बिल्ड एंड फॉरगॉट” पर नहीं बल्कि “बिल्ड एंड मेंटेनेंस” पर काम करेंगे.
क्या कहता है समीकरण –
चुनाव बिहार में हो और जाति की बात नहीं हो ये सम्भव नहीं है. पटना महापौर के चुनाव के लिए मतदाताओं की संख्या तक़रीबन 18 लाख है. इसमें राजेश कुमार डब्लू की जाति यानि कायस्थ जाति के लगभग 6.50 (साढ़े छः लाख) मतदाता हैं. इसी जाति से 4 और उम्मीदवार मैदान में हैं. हालांकि इन प्रत्याशियों में काफी पहले से मेहनत कर रहे राजेश के लिए 1 या 2 उम्मीदवार हीं इनमे से टक्कर देने की स्थिति में हैं. कायस्थ जाति के अलग अलग संगठनों के द्वारा प्रत्याशियों को समझाने का दौर लगातार जारी है. राजेश कुमार जेडीयू के टॉप लीडर और प्रखर प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद के भाई हैं. इस लिहाज से विनीता श्रीवास्तव उनकी भभ्भु हुई. जिसका सीधा फायदा उन्हें मिल सकता है. राजनितिक सूत्रों की बात करें तो ये फायदा उन्हें मुस्लिम और अन्य जाति के वोटों को गोलबंदी में मिल सकता है. हालाँकि कायस्थों के गोलबंदी में इसका नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकता है. चुकि कायस्थ जाति बीजेपी की परम्परागत वोटर है इसलिए इस जाति के आम मतदाता आखिती वक़्त तक बीजेपी के प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार जरुर करेंगे. बावजूद इसके कायस्थों का 10 से 20 प्रतिशत मत भी राजेश अपनी पत्नी को दिलाने में सफल हो गए तो चुनाव परिणाम दिलचस्प हो सकता है.
कौन रहेगा टक्कर में-
राजेश कुमार डब्लू यदि अपनी पत्नी को टॉप 4 के लड़ाई में शामिल करा लेते हैं तो इनका सीधा मुकाबला पूर्व मेयर सीता साहू से होने की सम्भावना रहेगी.
कायस्थ उम्मीदवार एकजुट हो गए तो जीत होगी आसान-
राजेश कुमार डब्लू की पत्नी विनीता श्रीवास्तव के अलावे ३ और कायस्थ उम्मीदवार मेयर की रेस में हैं. इनमे से कोई भी उम्मीदवार कमजोर नहीं है. इस कारण राजेश कुमार डब्लू की पहली लड़ाई अपने घर में हीं लड़नी होगी. उन्हें सबसे पहले यह सिद्ध करना होगा अन्य प्रत्याशियों से बेहतर वे कैसे हैं. तभी उनके पक्ष में माहौल बनाने की कवायद आरम्भ होगी. यदि सभी कायस्थ उम्मीदवार एकजुट हो गए तो जीत इन चार कायस्थ उम्मीदवारों में से हीं किसी की होगी यह तय है.
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