एक गरीब की नजरों से देखें तो गरीबी आपको हर हाल में अभिशाप लगेगी। लेकिन विश्व में कई देशों की कई सरकारों के लिए गरीबी या गरीब एक अवसर और वोट बैंक से अधिक कुछ भी नहीं। दशकों बीत जाते हैं गरीबों के नाम पर योजनाएं चलते-चलाते हुए लेकिन न तो गरीबी दूर होती है और न ही गरीब के दिन फिरते हैं। आपको ताज्जुब होगी इस बात को जानकर कि कई ऐसे भी गरीब हैं जो पूरी जिंदगी में एक बार ट्रेन पर भी नहीं चढ़ पाते, कई ऐसे भी हैं जिनकी आंखें पूरी जिंदगी आइसक्रीम, मिठाइयां, चॉकलेट्स, पीज्जा-बर्गर देखती रह जाती हैं लेकिन जिंदगी में एक बार भी उन्हें ये चीजें नसीब तक नहीं होतीं।
पिछले 7-8 सालों में गरीबों के दर्द को जिस तरह से उनके लिए नई-नई योजनाएं चलाकर दूर करने का प्रयास किया गया है, वो बताती हैं कि गरीबी दूर करने के लिए कोरी भावुकता नहीं, बल्कि उनके लिए किए गए काम ही उनकी गरीबी को दूर कर सकते हैं। चलिए जानते हैं आखिर वे कौन सी योजनाएं हैं, जिनके कारण गरीबों को रोटी, कपड़ा और मकान मयस्सर हो रही हैं, सरकार द्वारा चलाई जा रही उन योजनाओं की तारीफ अंतरराष्ट्रीय फलक पर भी हो रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ( ग्रामीण एवं शहरी )
प्रधानमंत्री आवास योजना उनके लिए लाई गई जिनके सिर पर मुक्कमल एक छत तक नहीं, आज इस योजना के कारण झुग्गी-झोपड़ी में गुजारा करने वालों के पास पक्के मकान हैं। सरकार का सपना है कि ऐसे कमजोर वर्गों को 2022 तक अपना मकान दिलाना है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का आरंभ 30 जून 2020 को किया गया था। योजना का उद्देश्य गरीबों को हर महीने राशन उपलब्ध कराना है। 80 करोड़ गरीबों को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल दिया गया। कोरोना काल में यह योजना गरीबों के लिए संजीवनी बनी, क्योंकि इस योजना का आरंभ भी लॉक डाउन को देखते हुए ही किया गया था।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना
छोटे सड़क विक्रेताओं को अपना खुद का काम शुरू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की शुरुआत की गई। योजना में उन्हें 10000 रुपये तक का ऋण देने का प्रावधान है। इसका लाभ उन लोगों के लिए मायने रखता है जो अपना खुद का काम शुरू करना चाहते हैं। ऐसे 50 लाख लोग इस योजना का फायदा उठाएंगे।
प्रधानमंत्री मनरेगा योजना
जो गरीब मजदूरी करके अपने परिवार का पेट भरते हैं, उन गरीबों के लिए प्रधानमंत्री मनरेगा योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने की।मजदूरों को जॉब कार्ड बनाकर महात्मा गांधी मनरेगा योजना के अंतर्गत दिया जाता है। गरीबों को हर एक वर्ष में 100 दिन की मजदूरी दी जाती है। उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी के रूप में 202 रुपये मिलते हैं।इस योजना को शुरू करने का सरकार का मुख्य उद्देश्य यह था कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को रोजगार मिले।
पीएम मोदी हेल्थ आइडी कार्ड
पीएम मोदी हेल्थ आइडी कार्ड की घोषणा प्रधानमंत्री द्वारा 74 वीं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की गयी थी। प्रधानमंत्री मोदी हेल्थ आईडी कार्ड के माध्यम से मरीज का मेडिकल रिकॉर्ड इस कार्ड में स्टोर करके रखे जाने का प्रावधान है। गरीब परिवारों के लिए इस योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना कार्ड की सबसे खास बात यह है कि इसके माध्यम से अब मरीजों को अपना फिजिकल रिकॉर्ड संभाल कर रखना नहीं पड़ेगा। ये एक हेल्थ मिशन है जिसके लिए केंद्र सरकार द्वारा लगभग 500 करोड़ का बजट बनाया गया है।
प्रधानमंत्री अंत्योदय अन्न योजना
प्रधानमंत्री अंत्योदय अन्न योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके माध्यम से सरकार ने गरीबों के घर भोजन की उपलब्धता को सुनिश्चित कराया। योजना का उद्देश्य है गरीब परिवारों को राशन प्रदान। हर अंत्योदय राशन कार्ड वालों को इस योजना के माध्यम से 35 किलोग्राम राशन प्रदान किया जायेगा। सरकार की इस योजना से गरीब परिवारों को राशन की कमी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। योजना में गरीब परिवारों को 35 किलो अनाज के साथ 2 रुपये प्रतिकिलोग्राम के हिसाब से गेहूं भी प्रदान किया जायेगा।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना
25 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना देशभर में लागू किया गया। इस योजना में गरीबों का इलाज फ्री में कराने का प्रावधान है। इसमें कई बीमारियों का इलाज मुफ्त में किया जायेगा। गरीबों के इलाज के बदले इस योजना में सरकार द्वारा 5 लाख तक इलाज के लिए हॉस्पिटल को देने का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
1 मई 2016 को योजना की शुरुआत हुई। उद्देश्य था गरीब परिवार की महिलाओं को खाना बनाने में किसी तरह की परेशानी न हो। खाना बनाते समय लकड़ियों से निकलने वाले धुएं आंखों और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं, इसे ही देखते हुए केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत की।
सरकार की इन गरीब हितैषी योजनाओं ने गरीबों की जिंदगी में खुशियों की सौगात लेकर आई है। वे आज स्वाभिमान के साथ जी रहे हैं और अदद रोटी, कपड़े और मकान के लिए उनकी नजरें किसी की थाली, किसी के आरामतलब जिंदगी को ललचाई नजरों से नहीं देखतीं, क्योंकि उनका पेट आज भरा हुआ है, उनके बच्चे आज भूख से बिलबिलाते नहीं।