– घुटने की दर्द से खड़ा होना भी था मुश्किल।
– रोबोटिक सर्जरी के बाद ख़ुद से चलना हुआ आसान।
पटना, 22 जुलाई 2023: अनुप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन की विस्तृत शाखा आशीष ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सेंटर जो कि सवेरा अस्पताल के पांचवीं मंजिल पर है। यहां एक 67 वर्षीय महिला शैल कुमारी के घुटने का रोबोटिक सर्जरी से घुटने का सफल प्रत्यारोपण डॉक्टर आशीष सिंह के द्वारा किया गया। शैल कुमारी ने बताया कि उनके घुटने में इतनी अधिक तकलीफ थी जिसकी वजह से वो काफी दर्द में रहती थीं, यहां तक कि वो सीधी होकर या बिना सहारा नहीं चल पाती थीं। जबकि प्रत्यारोपण के बाद वो बिल्कुल पहले जैसा महसूस कर रही हैं। यहां तक कि उन्होंने चल कर भी दिखाया कि अब वो बिना सहारे के चल फिर सकती हैं।
उन्होंने डॉ. आशीष सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि उनके हाथों में जादू है साथ ही वो बहुत ही विनम्र व्यक्ति हैं। उनके द्वारा किए गए रोबोटिक सर्जरी के बाद से मैं बिल्कुल दर्द और परेशानी मुक्त महसूस कर रही हूं।
मरीज शैल कुमारी ने बताया कि 4 सालों से वो बहुत अधिक घुटने की दर्द से परेशान थी। अब तो दर्द की दवा भी काम नहीं आ रही थी साथ ही घुटने का मुड़ पाना अब संभव नहीं हो पाता था। फिर वो अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर आईं जहां इसका सफल इलाज हुआ और वो बिल्कुल स्वस्थ हैं।
वहीं उन्होंने इलाज के साथ-साथ अस्पताल की व्यवस्थाओं की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि यहां बहुत अच्छी सर्विस है किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। यहां तक के मरीज को अच्छा खाना भी दिया जाता है। मरीज के बेटे राहुल ने कहा कि पांच साल से मेरी माँ को चलने घूमने में काफी दिक्कत थी बाहर जाने में काफी परेशानी होती थी बगैर स्पोर्ट के वह नहीं चल सकती थीं। यहां तक कि घर आंगन में चलने से मजबूर थीं। उन्होंने कहा कि घुटना प्रत्यारोपण के बाद माँ के चेहरे पर भी रौनक आ गई है।
आपको बता दें कि डाक्टर आशीष सिंह बिहार में एकमात्र आर्थोपेडिक सर्जन हैं जिन्होंने अपने अस्पताल में रोबोट रखा हुआ है जिससे वो सर्जरी और जोड़ प्रत्यारोपण करते हैं। एआईओआर के एक्सटेंशन सेंटर अनुप सुपर स्पेशलिटी ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सेंटर है जिसमें रोबोट द्वारा आपरेशन डाक्टर आशीष सिंह द्वारा की जाती है।