देश में इन दिनों ट्विटर की नीतियों को लेकर सरकार और कंपनी के बीच टकराव चल रहा है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ कर दिया है कि उन सोशल मीडिया प्लेटफार्म के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो देश के कानून का उल्लंघन करते पाये जायेंगे या फर्जी खबरें फैलाने और देश में हिंसा को उकसाने की कार्रवाई में लिप्त पाये जायेंगे।
राज्यसभा में आज ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप तथा लिंक्डइन का नाम लेते हुए केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि इन प्लेटफार्म का देश में लाखों लोग उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि इन प्लेटफार्म को भारतीय संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
“डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेगा”
उन्होंने कहा कि, “जब वॉशिंगटन के कैपिटल हिल पर घटना होती है तो कुछ माइक्रोब्रोइंग कंपनियां उनके साथ खड़ी हो जाती है और जब यहां लाल किले पर हमला होता है तो यही कंपनियां उसके विरोध में खड़ी हो जाती हैं। ये डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेगा। ये सारी कंपनियां जान लें, भारत के संविधान में फ्रीडम ऑफ स्पीच है, लेकिन 92A में ये भी लिखा हुआ है कि द सबजेक्ट टू रिजनेबल रिशटेक्शन। हिंसा न फैलाएं, झूठी खबरें न फैलाएं और भारत के संविधान भारत के कानून का पालन करें इसमें हम बहुत ही सख्त रहेंगे।”
सोशल मीडिया का डिजिटल इंडिया में महत्वपूर्ण भूमिका
सोशल मीडिया के दुरुपयोग के बारे में केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया ने आम आदमी को सशक्त किया है और यह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है लेकिन बदला लेने तथा आपत्तिजनक सामग्री को परोसना स्वीकार्य नहीं है।
भ्रामक खबरों को रोकने के लिए सरकार की पहल
रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि केंद्र ने सरकारी नीतियों और गतिविधियों के बारे में विश्वसनीय जानकारी दिया जाना सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाये हैं। राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि लोगों को भ्रामक और गलत अभियानों का शिकार होने से बचाने के लिए ये कदम जरूरी थे। उन्होंने कहा कि सरकार इंटरनेट पर फेक न्यूज, भ्रामक और झूठी खबरों से संबंधित मुद्दों पर सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों के माध्यम से नियमित रूप से संपर्क बनाये रखती है।
देश में भ्रामक खबरों को रोकने के लिए केन्द्र सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रसाद ने कहा कि सरकारी नीतियों और गतिविधियों के बारे में विश्वसनीय सूचना देने के लिए india.gov.in पोर्टल बनाया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में डिजिटल और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा बनाई गई समिति में सरकार ने सक्रिय भागीदारी की है। प्रसाद ने यह भी बताया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने फेक न्यूज विशेषकर सरकारी नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में झूठी खबरों का खंडन करने के लिए पत्र सूचना कार्यालय के तहत एक प्रकोष्ठ बनाया है।