हिंदी उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती का आयोजन अखिल भारतीय कायस्थ महासभा द्वारा नागेश्वर कॉलोनी स्थित राज्य कार्यालय में किया गया।
इस अवसर पर समारोह का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए महासभा के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष एवं जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद एक ऐसे मूर्द्धन्य साहित्यिक हस्ताक्षर थे जिनकी कहानियाँ समाज का प्रतिबिम्ब थीं। उनके पात्र जीवंत और आज भी प्रासंगिक हैं। स्वo धनपत राय श्रीवास्तव के मुंशी प्रेमचंद बनने की यात्रा अद्भुत है। समाज की विसंगतियों , रूढ़िवादिता एवं भ्रष्टाचार पर अत्यंत सरलभाषा में उन्होंने कथाओं के पात्रों को उकेरा। हिंदी एवं उर्दू भाषा के पाठकों का वह सहस्त्राब्दियों तक पथ प्रदर्शन करते रहेंगे। अध्यक्षता करते हुए महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जे. के. दत्ता ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम में महासभा की प्रदेश महासचिव श्रीमती अपर्णा भारती, श्रीमती रागिनी रंजन, शम्पा सिन्हा, प्रतिमा कुमार, रीना सिन्हा, धीरेंद्र सिन्हा, सुनील सिन्हा, अनूप कुमार , युवा संभाग के अध्यक्ष अनिमेष आनन्द, प्रवक्ता आशुतोष एवं प्रसून श्रीवास्तव आदि ने भी विचार रखे।
यह जानकारी प्रवक्ता श्री अतुल आनंद सन्नु ने दी।