दिल्ली कायस्थ महाकुम्भ की कमान संभालेंगे बिहार के राजीव रंजन, 21 फ़रवरी को देश भर के कायस्थ प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा

सोनाली सिंह / बिहार पत्रिका

आगामी 21 फ़रवरी 2021 को कायस्थ महाकुम्भ का आयोजन देश की राजधानी नयी दिल्ली में होने जा रहा है। इसका आयोजन अखिल भारतीय कायस्थ महासभा कर रही है।

करीब 12 करोड़ कायस्थ बंधुओं बहनों को एक मंच पर लाने के दृष्टिकोण से हो रहा है आयोजन

देश के विभिन्न भागों में फैले करीब 12 करोड़ कायस्थ बंधुओं बहनों को एक मंच पर लाने और उनके आर्थिक सामाजिक राजनीतिक सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक प्रगति के लिए आवश्यक कदम उठाने के दृष्टिकोण से आगामी 21 फरवरी 2021 को कायस्थ महाकुंभ का विशाल आयोजन किया जाएगा।

यह एक भव्य कार्यक्रम होगा जिसमे पुरे देश के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। पिछले तीन दशकों से कायस्थ समाज के चतुर्दिक विकास के लिए समर्पित कुशल रणनीतिकार तथा जदयू के प्रखर प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद को इस महाकुम्भ की जिम्मेवारी सौंपी गई है।

जेडीयू नेता और कायस्थ समाज के दिग्गज राजीव रंजन प्रसाद के नेतृत्व में ही तैयारी शुरू

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार महाकुंभ का आयोजन को लेकर चित्रांश परिवार में लोकप्रियता के प्रथम पायदान पर स्थापित राजीव रंजन प्रसाद के नेतृत्व में ही तैयारी शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न भागों को एक मंच पर लाने का सबसे बड़ा आयोजन होगा।

उन्होंने कहा कि राजीव रंजन के नेत्तृत्व में यह आयोजन अपने आप में एक मिशाल कायम करेगा। प्रतिदिन न्यूज़ चैनल पर अपनी बात प्रखरता और सौम्यता के साथ रखने वाले राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता के पायदान प्रथम वरीयता प्राप्त राजनेता राजीव रंजन के नेतृत्व में यह आयोजन इतिहास बनाने जा रहा है।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे आराध्य भगवान श्री चित्रगुप्त की महिमा मर्दन का कुत्सित प्रयास कपिल शर्मा कॉमेडियन के द्वारा किया गया। सामाजिक सरोकारों से संबंधित सभी प्लेटफार्म पर राजीव रंजन प्रसाद के द्वारा कड़ा विरोध दर्ज करवाया गया। जिसके फलस्वरूप सोनी टीवी के साथ-साथ कपिल शर्मा ने लिखित रूप से खेद जताया।

“संघे शक्ति कलियुगे” की भावना को समझना होगा

उन्होंने कहा कि राजीव रंजन ने कायस्थ समाज सबसे विशाल महासम्मेलन, रैलियों के आयोजन का श्रेय प्राप्त है। इस समय देश में समाज के नाम पर जितने भी छोटे बड़े संगठन चल रहे हैं वह समझ ले कि आने वाला समय विरोधाभास का नहीं सामंजस्य का है। “संघे शक्ति कलियुगे” की भावना को समझना होगा आत्मसात करना होगा।

उन्होंने कहा कि सर्वसाधारण के लिए समर्पित राजीव रंजन प्रसाद का व्यक्तिगत विरोध, उनकी छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास, संपूर्ण कायस्थ समाज की एकजुटता के प्रति समर्पित योद्धा के विरोध का प्रतीक है। इसे किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, पंजीकृत दिल्ली अपने समस्त अपने समस्त 12 करोड़ को वंशजों के साथ पूरी मजबूती से साथ भगवान श्री चित्रगुप्त जी के अनन्य भक्त के साथ खड़ी है।

उन्होंने चेतावनी के लहजे में कहा कि “सुनने वाले सुन ले और समझ ले कि आप तीनों चिन्हित  हो चुके हैं, दिग्भ्रमित, विखंडित, चंदा खोर, आत्म प्रवंचित समूहों का समय समाप्त हो चुका है। समाज जाग चुका है, अतः प्रत्यक्ष और परोक्ष हर युद्ध में पराभव आपको स्वीकार करना ही होगा, कोई शंका मत रखिएगा।

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