गाजियाबाद 28 मार्च। साहित्यिक संस्था काव्यलोक का वार्षिकोत्सव गणपति फार्म हाउस अवंतिका गाजियाबाद में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया इस आयोजन की अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार डॉक्टर चंद्रपाल शर्मा ने की तथा कार्यक्रम का संचालन काव्यलोक के महासचिव डॉक्टर सतीश वर्धन व प्रसिद्ध कवि डॉक्टर चेतन आनंद ने संयुक्त रूप से किया। काव्यलोक संस्था की अध्यक्ष डॉ रमा सिंह, काव्यलोक संस्था के संस्थापक राजीव सिंघल व आयोजन के स्वागत अध्यक्ष बुद्ध प्रकाश शर्मा जी ने सभी आगंतुक कवियों, कवयित्रियों, साहित्यकारों व रचनाकारों का फूलमालाओं व अंगवस्त्र से स्वागत व सम्मान किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रमुख समाज सेवी सांसद प्रतिनिधि देवेंद्र हितकारी रहे, विशिष्ट अतिथि के रूप में वेदविद्यापीठ के प्रधानाचार्य योगेंद्र दत्त गौड़ और देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य अरुण कौशिक रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण कर किया। प्रसिद्ध कवयित्री डॉ वंदना कुमार रायजादा ने मां सरस्वती की वंदना की इस अवसर पर काव्यलोक संस्था की ओर से महाकवि डॉ कुँअर बैचेन जी की स्मृति में प्रत्येक वर्ष एक पुरुस्कार देने का निर्णय लिया। प्रथम “डॉ कुँअर बैचेन स्मृति सम्मान व पुरुस्कार” देश के प्रसिद्ध व प्रतिष्ठित कवि और शायर शकील शिफ़ाई को दिया गया, जो कि “मीना देवी सेवार्थ न्यास” की संचालिका बबिता सिंघल, राजीव सिंघल व मंचासीन अतिथितियों द्वारा शायर शकील शिफ़ाई को दिया गया। इस अवसर पर काव्यलोक संस्था ने अपनी वार्षिकी, डॉ अल्पना सुहासिनी की पुस्तक “तेरे मेरे लब” की बात तथा सुबोध भारती की पुस्तक “हैशटैग” का भी लोकार्पण किया। इस आयोजन में प्रसिद्ध शायर राज कौशिक, शिवकुमार बिलग्रामी, चेतन आनंद, डॉक्टर तारा गुप्ता, आलोक यात्री, बीएल बत्रा अमित्र, डॉ राजीव पांडे, डॉ अल्पना सुहासनि, रचनाकार व स्वतंत्र पत्रकार दीपक त्यागी आदि को काव्य लोग संस्था की ओर से उनकी साहित्यिक सेवा के लिए सम्मानित व पुरस्कृत किया गया। आयोजन में शायर शकील शिफ़ाई की अध्यक्षता में एक कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया जिसमें शकील शिफ़ाई ने पढ़ा कि –
वो उठायेगा मेरे ताजे जुनूँ का फायदा।
पेड़ गिनवायेगा मुझसे खुद समर ले जायेगा।।
शायर गोविंद गुलशन ने पढ़ा कि – माजी की सिम्त हमने घुमाई जरा नजर।
एक पल में सामने से जमाना गुजर गया।।,
शायर दीक्षित दनकौरी ने पढ़ा कि – या तो कबूल कर मुझे मेरी कमजोरियों के साथ।
या छोड़ दे मुझे मेरी तन्हाइयों के साथ।।
शायर राजीव सिंघल ने पढ़ा कि – दिल से कैसी शरारत हुई है कुछ कहे बिन अदावत हुई है। रुठ जाओगे मुझसे कभी तुम। दिल को कब ये शिकायत हुई है। डॉ. सतीश वर्द्धन ने पढा कि –
प्रेम के अर्थ जो हम गढ़े जायेंगे।
सीढियां प्रीत की हम चढ़े जायेंगे।।
बन कहानी किताबों में एक दिन सनम।
हीर राँझा से तुम हम पढ़े जायेंगे।।,
शायर राज कौशिक ने पढ़ा कि -कभी ये सोच मत लेना वफादारी नहीं हम में, कमी है तो बस इतनी सी अदाकारी नहीं हम में कवि चेतन आनंद ने पढ़ा कि –
इस जीवन का बड़भाग यही, गुरुओं के हमें गुरुदेव मिले।
अति ज्ञानमयी कविता के धनी, जिनसे हर भाव-सुभाव खिले।
तितली सम कोमल बोल सदा, सुनके दिल के सब तार हिले।
जिनके मन के मनके गिनके, तन के, मन के नित घाव सिले ।।
शायर शिव कुमार बिलग्रामी ने पढ़ा कि –
हर दिन हर पल ख़ुद ही ख़ुद में घुटकर जीने वालों ने
ख़ूब रुलाया मुझको बरसों आंसू पीने वालों ने
मैंने इनकी ख़ामोशी को अक्सर पढ़कर देखा है
क्या न कहा है आख़िर मुझसे लब को सीने वालों ने।।
कवयित्री गार्गी कौशिक ने पढ़ा कि – साया भी अपना नहीं, मिले न कोई छोर।उस पल में संबल बने मेरेमाखन चोर ।। कवि प्रेमकुमार पाल ने पढ़ा कि- दूर हो देश से और परिवेश से है जरूरी बहुत ये वतन के लिए। बीज नफरत के रोपे न हम साथियों है जरूरी बहुत ये चमन के लिए।।इस अवसर पर प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित, वरिष्ठ कवि डॉ अशोक मैत्रेय जी का जन्मदिन भी काव्य लोक परिवार और डॉ अशोक मैत्रेय जी के परिवार ने बहुत ही धूमधाम से मनाया। काव्यलोक के लिए उत्कृष्ट सेवा सम्मान कवयित्री गार्गी कौशिक को दिया गया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉक्टर चंद्रपाल शर्मा ने कहा कि साहित्यकार व रचनाकार समाज का आईना होता है वह वही लिखता है जो वह देखता है जो वह भोगता है साहित्यकार अपनी रचनाओं से समाज का परिवार का और साहित्यकारों का उत्साहवर्धन भी करता है और समाज मे चेतना लाने का कार्य करता है कवियों की एक एक पंक्ति ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई है। मुख्य अतिथि देवेंद्र हितकारी ने कहा कि साहित्यिक आयोजनों से समाज मे एक सन्देश जाता है कि हमे अपने कर्तव्यों और दायित्वों के प्रति जागृत रहना है। काव्यलोक की अध्यक्ष डॉ रमा सिंह जी ने कहा की काव्य लोग संस्था निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रही है जिसमें काव्य लोग परिवार के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों का अमूल्य व अतुल्य योगदान है। काव्यलोक ऐसे ही साहित्यिक अनुष्ठान आगे भी करता रहेगा । काव्यलोक के संस्थापक राजीव सिंघल ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज मे चेतना लाने का कार्य करतें हैं कवि या शायर अपने शब्दों के माध्यम से जनमानस के मन की बात भी कहता है।
आयोजन को सफल बनाने में प्रेम कुमार पाल, गार्गी कौशिक, तूलिका सेठ, सोनम यादव आदि का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर समाजसेवी स्वतंत्र पत्रकार अधिवक्ता दीपक कुमार त्यागी को सम्मानित किया गया और डॉ वागीश दिनकर, सुखबीर जैन, प्रेम नारायण सिंघल, विनोद सिंघल, बबीता सिंघल, देवेंद्र शर्मा देव, श्वेता मिश्रा, मधुबाला श्रीवास्तव, डॉ तारा गुप्ता, डॉ मेजर प्राची गर्ग, सुरेंद्र शर्मा, डॉ जयप्रकाश मिश्र, डॉ राजीव पांडे, श्वेता मिश्रा, रामवीर आकाश, राज चैतन्य, रूपा राजपूत, सुबोध भारती, महेश वर्मा, मनीषा गुप्ता, संतोष सम्प्रिती, समाजसेवी मनीष कुमार त्यागी, अभिनेता मोहित त्यागी, एनसीपी के प्रदेश सचिव मनीष कौशिक, उपेंद्र फतेहपुरी, अलका श्री सुप्रिया श्रीवास्तव आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में काव्यलोक के संथापक राजीव सिंघल ने सभी कवि, रचनाकारों व कार्यक्रम को चार चांद लगाने वाले उपस्थित गणमान्य नागरिकों का आभार व धन्यवाद व्यक्त किया।