कविता- कोरोना से हमको है नही घबराना

प्राची सिन्हा

कोरोना से हमको है नही घबराना,
बचाव ही इलाज है देश को है समझना।
कोरोना को हमे इस देश से है भगाना,
देश को कोरोना मुक्त है बनाना।।

मिलकर हमे देश को है बचना,
घर से हमें कही बाहर नही है जाना।
हाथ को मुख पर नही है लगाना,
सुरक्षा को ही जीवन का अर्थ है बनाना।।

भारत को इस महामारी से है बचना,
डर कर नही डट कर सामना है करना।।
पूरी निष्ठा से मोदी जी का कहना है मानना।।

गरीब परिवार की देखरेख है करना,
डॉक्टर, पुलिसकर्मियों, आदि का है समान है करना।
गर्म पानी का सेवन है करना,
अपने बड़े-बुजर्गों का घ्यान है रखना।।

घर पर रहकर परिवार के साथ समय है बिताना,
घर पर रामायण-महाभारत का लाभ है उठाना।
लोकडौन का पालन कर देश को है बचना,
इस देश को पहले जैसा स्वस्थ है बनाना।।

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