पटना। पूर्व मध्य रेल यात्री संरक्षा एवं सुरक्षा के प्रति सदैव तत्पर रहती है और इसके लिए नित नई तकनीकों का उपयोग भी करती रहती है। इसी क्रम में पूर्व मध्य रेल द्वारा ट्रेनों के संरक्षित परिचालन के लिए पं दीनदयाल उपाध्याय जं से प्रधानखांटा तक कवच प्रणाली की स्थापना की जा रही है। इसके साथ ही इस प्रणाली को पूर्व मध्य रेल के अन्य महत्वपूर्ण रेलखंडों पर भी स्थापित करने की प्रक्रिया पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विरेन्द्र कुमार ने बताया कि कवच एक टक्कररोधी तकनीक है। यह प्रौद्योगिकी रेलवे को शून्य दुर्घटनाओं के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी। यह प्रौद्योगिकी माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रेडियो संचार के माध्यमों से जुड़ा रहता है। जैसे ही यह तकनीक एक निश्चित दूरी के भीतर उसी ट्रैक में दूसरी ट्रेन का पता लगाती है तो ट्रेन के इंजन में लगे उपकरण के माध्यम से निरंतर सचेत करते हुए स्वचालित ब्रेक लगाने में सक्षम है। कवच एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है जो आरडीएसओ द्वारा विकसित सुरक्षा के उच्चतम स्तर द्वारा प्रमाणित है। यह प्रणाली लोको पायलट को सिगनल के साथ साथ अन्य पहलुओं की स्थिति, स्थायी गति प्रतिबंध के बारे में संकेत देता है और ओवर स्पीड के बारे ड्राईवर को सचेत करता रहता है। यदि लोको पायलट प्रतिक्रिया नहीं देता है तो प्रणाली पूर्व निर्धारित समय के बाद ब्रेक लगाने की शुरुआत स्वत: करने लग जाता हैै। कवच प्रणाली मौजूदा सिग्नलिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाये रखता है तथा इसकी जानकारी परिचालन से जुड़े प्राधिकृत व्यक्तियों को निरंतर साझा करता रहता है। यह प्रणाली किसी भी आपात स्थिति में स्टेशन एवं लोको ड्राईवर को तत्काल कार्रवाई हेतु सचेत करने, साइड टक्कर, आमाने सामाने की टक्कर एवं पीछे से होने वाली टक्करों की रोकथाम करने में पूर्णत: सक्षम है। इसके साथ ही यह सिस्टम रोल बैक फ ॉरवर्ड और रिवर्स मूवमेंट की स्थिति में लगातार सचेत करता है एवं समपार फ ाटकों की जानकारी स्वचलित सिटी के माध्यम से प्रदान करता है ।