बिहार पत्रिका /धीरज झा ,पटना
जीवन रहने के लिए बचपन जरूरी :- कालिदास रंगालय में भाभा सेंट्रल स्कूल हनुमान नगर का वार्षिकोत्सव का आगाज आज बड़ी धुमधाम के साथ सपन्न हुआ । कार्यक्रम की शुरुआत दिप प्रज्वलित कर किया गया । जहाँ मुख्य अतिथि के रूप में आप निर्देशक बिहार प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन जनाव ‘समाइल अहमद खां’ साहब सादर उपस्थिति थे । अपने संबोधन भाषण में उन्होंने कहा कि जीवन सही तरीके से जीने के लिए बचपन जरूरी है । यह उम्र का शुरुआत है और यहाँ की यादें और यहाँ का सिख जीवन भर साथ रहता है । बच्चे भगवान का रूप हैं और अभिभावक के रूप में हमारा यह कर्तव्य है कि हम उन्हें शांत वातावरण में अछि शिक्षा देने का प्रयास करें । कार्यक्रम की प्रस्तुति इतनी भव्य और दिव्य थी कि दर्शन दीघा में बैठे हुए अभिभावक गण मुग्ध हो हए ।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ की विणा से हुई जहाँ स्कूल के बच्चो ने समूह में आकर नृत्य के साथ ईश्वर को याद किया । वार्षिकोत्सव में जलवायु परिवर्तन को थीम बनाकर लोगों को उसके प्रति जागृत करने का प्रयास किया गया । कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समाज की कुर्तियों को भी दर्शाने का काम किया गया । वार्षिकोत्सव का पूरा कार्यक्रम दो दिनों तक चलेगा जहाँ पहले दिन छोटे बच्चे तथा अगले दिन बड़े बच्चे अपनी-अपनी प्रतिभा से मन मोहक रश पान अभिभावक दर्शक को कराने का काम करेंगे ।
पहले दिन के कार्यक्रम में कुल बारह प्रस्तुति हुई जिसमें गीत क्रमशः सा ला ला, काला चश्मा, मेरा जूता है जपानी, लेटस टाँक अबाउट, बिहू सोग शुभ दिन आयो रे, पापा मेरे पापा शामिल है जिसमे की विद्यालय के प्ले mont-।, mont-।।, के सभी बच्चो नव भाग लिया । यह प्रस्तुति एक से बढ़कर एक थी जिसका दर्शकों ने बहुत आनंद उठाया ।
स्कूल ने यह बताया कि कल भी यह कार्यक्रम सुचारू रूप से चलता रहेगा जहाँ स्कूल के बड़े बच्चे अपना अभिनय दर्शाऐंगे । कल भी कुल 15 कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें स्वागत गीत के साथ शुभ दिन आयो रे, कश्मीरी सोग, जय जय शिव शंकर, पंजाबी सोने आदि शामिल हैं इन गीतों में जिन बच्चो ने अपना अभिनय किया उनमें आकांशा, सुरुचि, लतिका, पल्लवी, नेहा, सलोनी, वैष्णवी, अदिति, मुस्कान, प्रिया, पल्लवे, लतिका, सोहेल, आशीष ऋषभ आदि शामिल थे ।
स्कूल की यह परंपरा है कि अपने वार्षिकोत्सव में यह बिहार के पारंपरिक लोकगीतो को अपने माध्यम से मंच पर लाता है जहाँ आज सोहर को प्राथमिकता दी गई थी, यह गीत बिहार के लगभग सभी जगहों में संतान प्राप्ति होने पर माता बहन लोग हर्ष के साथ गाती और उसका नृत्य करती है ।
उक्त मौके पर स्कूल के प्रिंसिपल ‘श्री राम बिहारी प्रसाद’ जी उपस्थित थे उन्होंने अपने संबोधन भाषण में कहा कि स्कूल किस प्रकार से इन बच्चों के प्रति कार्यशील है, उन्होंने उपस्थित सभी अभिभावकों का मंच से स्वागत किया तथा उनसे सहयोग की अपेक्षा रखी । महोदय ने बताया की स्कूल हमेशा इस रूप में इन बच्चों के साथ मिलकर काम करता है कि, आगे ये अपनी प्रतिभा के हिसाब से अच्छा भविष्य बना सकें ।
उक्त मौके पर स्कूल के सभी शिक्षक-शिक्षिका तथा कर्मचारी उपस्थित थे, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पुरजोर सहयोग दिया ।