जीविकोपार्जन है मजबूरी, दो गज की दूरी मास्क है जरूरी, मेघौल में मास्क बनाकर महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर

खोदावंदपुर/बेगूसराय. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान को चरितार्थ करने के लिये समाज के अंतिम पायदान पर बैठे गांव की महिलाओं ने साकारात्मक रुप देने में जुट गयी है. जिसके प्रसार से प्रभावित होकर खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के पारस मास्क लघु उघोग मेघौल का प्रयास काबिले तारीफ है. जिसको लेकर इस अभियान के संचालक विजय कुमार चौधरी ने स्थानीय स्तर पर पहलकर ग्रामीण महिलाओं की एक दल तैयार कर आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में प्रयास किया, तो सकारात्मक परिणाम मिलने से अतिउत्साही होकर इस अभियान का सफल संचालन में जुटे हैं.

उन्होंने ग्रामीण महिलाएं सोनी देवी के निर्देशन में मास्क बनाने वाली महिलाएं पिंकी देवी, शांति देवी, निधि भारती, खुशबू कुमारी, पूनम कुमारी, राखी कुमारी, अनिता देवी, आरती देवी, सोनी कुमारी, पूजा कुमारी, प्रगति कुमारी के साथ मुरारी कुमार झा को शामिल कर बृहत स्तर पर मास्क बनाने में जुटे हुये हैं. बताया जाता है कि विगत तीन माह से लगातार मास्क बनवाकर क्षेत्र के चाय, पान, किराना, दवा दुकान, जांच घर आदि जगहों पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं. इसके लिए बतौर सेल्समैन से कार्य लिया जा रहा है.

फलतः इस प्रयास से प्रत्येक दिन लगभग एक हजार मास्क तैयार किया जाता है. जिसका 75 फिसदी प्रत्येक दिन मार्केटिंग किया जाता है. सबसे खास बात यह है कि हर आम गरीब परिवार के बजट को ध्यान में रखते हुये कोटन कपड़ा का तीन लेयर का मास्क तैयार किया जाता है. और मास्क भी कम दर पर मात्र 10 से 20 रुपये तक बेच दिया जाता है.जिससे कोरोना महामारी में आमलोग को सुलभ हो सके. इसके आलावे इस मास्क का एक और खासियत यह है कि इसका एक माह तक उपयोग किया जा सकता हैं.

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