मधुबनी:-आज मधुबनी जिले के खजौली विधानसभा अंतर्गत जयनगर के बाबा पोखर प्रांगण में बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के द्वारा विभिन्न मांगों के आलोक में दोये गया विशाल धरना। वहीं कार्यक्रम के अंत मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला भी फूंका गया। इस पर कार्यक्रम के दौरान नीतीश सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सुबे बिहार में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण जीविका मिशन (N.R.L.M) के तहत संचालित जीविका ने महिला सशक्तिकरण की अलख जगाने के साथ-साथ गांव के तस्वीर और तकदीर बदलने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्र या राज्य सरकार द्वारा दिए गए हरेक दायित्व को पूरा करने में इनके द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है। चाहे वह सामाजिक या आर्थिक सशक्तिकरण हो, या फिर वित्तीय। साक्षरता, शराबबंदी, मानव श्रृंखला, मनरेगा सर्वेक्षण, विद्यालय सर्वेक्षण, स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण ही क्यों ना हो, सबों में जीविका जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं (कैडरों) और जीविका दीदियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, और इनको सफल बना कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
दुख के साथ कहना पड़ता है, आज जीविका में इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीण गरीब महिलाओं के हितों की अनदेखी की जा रही है। इनको मिलने वाली राशि में भारी कटौती की गई है। वही जमीनी स्तर के कार्यकर्ता कैडरों को मिलने वाली पराश्रमिक इतनी कम है, की जीवनयापन की बात तो छोड़िए, लोगों को अपने मिलने वाली और पारश्रमिक और मिलने के तरीके भी बताने में शर्म आती है। सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात यह है की सरकार कि कोई पहली स्कीम है, जिसमें काम के बदले लाभार्थियों को मानदेय का भुगतान करना पड़ता है।
विदित हो की जीविका में जमीनी अस्तर और काम करने वाले कैडरों की कुल संख्या पूरे बिहार में लगभग 85,000 है। इन्हीं कैडरों द्वारा स्वयं सहायता समूह का कार्य मुख्य रूप से जमीनी स्तर पर किया जाता है, और वर्तमान समय में स्वयं सहायता समूह की संख्या लगभग 8.25 लाख है, जिससे बिहार की कुल ग्रामीण गरीब महिलाओं का जुराब लगभग एक करोड़ है।
बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ (संबद्ध : भारतीय मजदूर संघ,) जीविका में कार्यरत जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं कैडर और जीविका दीदियों का एक संगठन है। जिनकी सरकार से 10 सूत्रीय जायज मांगे है। अतः हैम बिहार सरकार से मांग करते है की इनकी मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने की कृपा करें।
इनकी मांगें निम्न हैं :-
1). सभी कैडरों को जीविका की ओर से नियुक्ति पत्र ,पहचान पत्र और निर्धारित ड्रेस मिलें।
2). मानदेय कंट्रीब्यूशन सिस्टम और अविलंब रोक लगे
3). मानदेय का भुगतान नियमित और बैंक खाते में हो।
4). काम से हटाने की धमकी पर रोक लगे और धमकी देने वाले पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो।
5). प्रखंड स्तर पर काम करने वाले कैडरो का मानदेय 18000, संकुल (C.L.F) स्तर पर 15000, ग्राम संगठन (V.O) स्तर पर 13000 स्वयं सहायता समूह (S.H.G) स्तर पर 12000 रुपए प्रतिमाह हो और सरकार इन सबों की नौकरी कम से कम 60 साल तय करें।
6). सभी कैडरों को क्षेत्र भ्रमण के लिए क्रमशः प्रखंड स्तर पर 4000 संकुल स्तर पर 3000 ग्राम संगठन स्तर पर 2000 स्वयं सहायता समूह स्तर पर 1000 रुपए यात्रा भत्ता मिले ।
7). सभी अध्यक्ष सचिव और कोषाध्यक्ष को संकुल स्तर पर 500 ग्राम संगठन स्तर पर 300 सिंह सहायता समूह स्तर पर ₹200 बैठक भत्ता मिले।
8). स्वयं सहायता समूह को ICF और RF के रूप में मिलने वाली राशि एक लाख हो।
9). परियोजना में 3 साल पूरा करने वाले कैडरों के लिए स्टाफ के रूप में पदोन्नति की व्यवस्था हो।
10). सभी कैडरों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ अवकाश महिला कैडेटों को विशेष अवकाश मातृत्व अवकाश 1.5 लाख का मेडिक्लेम एवं 5 लाख का डेथ क्लेम मिले।
इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मधुबनी से संतोष कुमार की रिपोर्ट
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