इसरो के पूर्व वैज्ञानिक ने दिए बच्चों के सवालों के जवाब

मिशन कार्यशाला का आयोजन किया गया कोरोना महामारी के कार्यकाल में एक तरफ छात्रों का विद्यालय जाना बंद हो चुका है लेकिन छात्रों की शिक्षा में किसी तरह की कमी न हो इसके लिए आर्य विद्यापीठ विद्यालय द्वारा ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली इस्तेमाल नियमित रूप से किया जा रहा है इसी क्रम में केएमएस नॉलेज सर्विस के सौजन्य से एक वेबिनार का आयोजन दिनांक 27 05 2020 को किया गया जिसमें इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉ राजन नारायण स्वामी ने एलीमेंट ऑफ सैटेलाइट पर अपना विचार व्यक्त किए ।

डॉ नारायण स्वामी अमरीका के न्यूजर्सी से भारत के अलग अलग राज्यो एवं जिलों के छात्र एवं छात्राओं के साथ जुम ऐप के जरिए लाइव हुए और इस सम्मेलन में आर्य विद्यापीठ बालगंगा मोतिहारी के 2 छात्र अनिष गुप्ता और दिलीप कुमार जो कक्षा 10 वीं के छात्र हैं डॉ नारायण स्वामी ने बताया कि स्पेस टेक्नोलॉजी में छात्रों के लिए क्या संभावना है उन्होंने बताया सैटेलाइट्स को किस प्रकार लॉन्च किया जाता है और स्पेस में जाने के बाद से सेटेलाइट में किस तरह कार्य में लगाया जाता है और उन्होंने बताया चंद्रयान को किस तरह से इलिप्टिकल पाथ में भेजा गया और चाँद की सतह पर पहुंचने से पहले कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गया । तभी आर्य विद्यापीठ के छात्र अनिष गुप्ता ने प्रश्न पूछा कि चंद्रयान को क्यों भेजा गया था।

डॉ नारायण स्वामी ने बताया कि चांद की सतह के जानकारी के लिए भेजा गया था और वहां किस प्रकार के गैस पाए जाते है इत्यादि इसके बारे बहुत जानकारी दी । और सभी अन्य विद्यालयो के छात्रों के द्वारा प्रश्न पूछे गए जो डॉ नारायण ने बड़े ही बारिखी से समझाया और बताया । और डॉ नारायण स्वामी ने अपने जीवन की एक घटना के बारे में बताया कि भारत के सैटेलाइट के खोज के लिए वह किस प्रकार जर्मनी गए थे , तभी उनके लेक्चर से प्रभावित होकर फिर छात्र अनिष गुप्ता ने ISRO जैसे बड़े संस्थान में जाने का प्रक्रिया पूछा तो । डॉ नारायण स्वामी ने बताया कि अगर छात्र भौतिकी गणित और कम्प्यूटर में रूचि लेकर कठिन प्रसन्न करेंगे तो उन्हें ISRO जैसे बड़े संस्थान में कार्य करने का अवसर मिल सकते हैं ।
और इस वेबिनार का विडियो देखने के लिए इस लिंक फेसबुक लिंक पे जा सकते है https://www.facebook.com/joinaliska/videos/297409471275648 अतः इस तरह के आयोजन भविष्य में भी होते रहना चाहिए जिससे छात्रों का उत्साहवर्धन होता रहे और ज्ञान बढ़ता रहे ।

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