इन्दिरा आईवीएफ पटना नये परिसर में शुरू, वित्त मंत्री विजय कुमार के हाथों हुआ उद्घाटन

पटना। निःसंतानता देश में तेजी से बढ़ती समस्याओं में से एक है। बिहार बड़े राज्यों में से शामिल है ऐसे में यहां निःसंतान दम्पतियों की संख्या भी अधिक है। राजधानी पटना के निःसंतान दम्पतियों को अपने नजदीक निःसंतानता उपचार उपलब्ध करवाने के लिए भारत में फर्टिलिटी अस्पतालों की सबसे बड़ी श्रृंखला इन्दिरा आईवीएफ ने दुर्गा इंफिनिटी, पिल्लर नम्बर 28, खाजपुरा, राजा बाजार, बेली रोड में अपने नए केंद्र का उद्घाटन किया है। ग्रुप के कंकड़बाग व बेली रोड में दो अत्याधुनिक केन्द्र हो गये हैं। नये सेंटर में निःसंतानता के समाधान के साथ सेंटर के अन्दर पैथोलॉजी और नैदानिक परिक्षण सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

सेंटर के उद्घाटन मुख्य अतिथि व बिहार सरकार में वित्त, वाणिज्यिक कर और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पूर्व मंत्री श्याम रजक, वारिस नगर विधायक अशोक कुमार मुन्ना, रोशरा विधायक बीरेंद्र कुमार, इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अजय मुर्डिया, अपोलो डेन्टल, समस्तीपुर के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार और पटना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह ने किया । सेंटर हेड डॉ. दयानिधि कुमार, डॉ. अनुजा सिंह, डॉ. सुनीता कुमारी, डॉ. रीना रानी, डॉ. मोक्षा जैन, विभा सिन्हा, श्वेता झा, स्तुति गुप्ता सहित पूरा स्टाफ व कई शहरवासी उपस्थित रहे। इस अवसर पर इन्दिरा आईवीएफ से उपचार प्राप्त करके जन्म लेने वाली पहले आईवीएफ बेबी तथा आठ हजार वीं आईवीएफ बेबी के माता-पिता का अभिनंदन किया गया।
इन्दिरा आईवीएफ ने पिछले एक दशक में 100000 से अधिक दम्पतियों को गर्भधारण में मदद की है। आईवीएफ विशेषज्ञों और अपनी अत्याधुनिक तकनीक से ग्रुप ने आईवीएफ प्रक्रियाओं में असाधारण सफलता दर हासिल की है। ग्रुप ने नवीनतम सहायक प्रजनन तकनीक जिसमें इलेक्ट्रॉनिक विटनेसिंग सिस्टम, क्लोज़्ड वर्किंग चैम्बर, माइक्रोफ्लुइडिक्स के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग शामिल हैं उनमें निवेश किया है जो देशभर में और बिहार में सर्वोत्तम उपचार विकल्प हैं।

केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि व बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, “निःसंतानता के कारण देश में हजारों दम्पतियों को समाज में कलंक और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। कई दम्पती जानकारी के अभाव में परेशान होते हैं ऐसे दम्पतियों को सही दिशा दिखाने और उचित उपचार के लिए इन्दिरा आईवीएफ जो कार्य कर रहा है वो सराहनीय है।

इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अजय मुर्डिया ने विजन के बारे में बताते हुए कहा कि 2025 तक 200 से अधिक सेंटर शुरू करने का लक्ष्य है साथ ही टीयर टू और टीयर थ्री शहरों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में निःसंतानता के उपचार के लिए आईवीएफ की मांग काफी बढ़ी है।

इस अवसर पर इन्दिरा आईवीएफ के सीईओ और कॉ-फाउण्डर डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि “आंकड़ों के अनुसार, भारत में 10-15 प्रतिशत दम्पतियों को फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नवीनतम नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में पाया गया है कि भारत में टोटल फर्टिलिटी रेट (टीएफआर) पहली बार प्रति महिला 2 बच्चों के रिप्लेसमेंट स्तर से नीचे आ गई है। बिहार में 2015-16 में 3.4 की तुलना में 2019-20 में टीएफआर घटकर 3.0 हो गया है। इसके बारे में कुछ प्रवृत्तियों जैसे हाइपरटेंशन, हाई ब्लड ग्लूकोज़ लेवल वाले लोगों की बढ़ती संख्या और राज्य में तंबाकू की खपत से पता लगाया जा सकता है, यह प्रजनन क्षमता में बाधा बन सकता है। हम बेली रोड में अपना सेंटर शुरू करके और बिहार के संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दम्पतियों के सहयोग देने में समर्थ होने पर खुशी महसूस करते हैं।”

पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि “मैं इन्दिरा आईवीएफ को कम ही समय में बड़ा सफर तय करने और देश में 111 केंद्रों के सफल संचालन पर बधाई देना चाहता हूं।
विधायक अशोक कुमार मुन्ना ने कहा कि बिहार सहित देश के पूर्वी हिस्से में निःसंतानता को लेकर कई मिथक व्याप्त हैं। निःसंतानता के प्रति जागरूकता और उचित दरों में श्रेष्ठ उपचार उपलब्ध करवाने का इन्दिरा आईवीएफ का प्रयास धीरे-धीरे रंग ला रहा है।”

विधायक बीरेन्द्र कुमार ने कहा कि दम्पति के लिए संतान प्राप्ति सर्वोत्तम सुख होता है लेकिन जब वे निःसंतानता से प्रभावित होते हैं तो मानसिक तनाव से गुजरते हैं ऐसे में इन्दिरा आईवीएफ उन्हें संतान सुख की ओर अग्रसर करके नैतिक कार्य कर रहा है।

सेंटर हेड डॉ. दयानिधि ने कहा कि आईवीएफ को लेकर लोगों में गलतधारणा व्याप्त है कि इससे जन्म लेने वाली संतान नॉर्मल नहीं होती है जबकि सच ये है कि आईवीएफ बेबी भी प्राकृतिक गर्भधारण से जन्मे बच्चों के समान सामान्य होते हैं। आज के समय में अधिक उम्र में भी गर्भधारण किया जा सकता है। बिहार में हमारे सभी सेंटर से उपचार पाकर अभी तक 12000 से ज्यादा दम्पती लाभान्वित हो चुके हैं। अगले दो – तीन वर्षों में बिहार राज्य के अन्य जिलों में भी आईवीएफ केंद्र खोलने की योजना है।

सेंटर की डॉ. अनूजा सिंह ने कहा कि उद्घाटन समारोह में पटना और आसपास के 200 से अधिक चिकित्सकों ने भी भाग लिया। सेंटर में हमारा प्रयास रहता है कि दम्पती की समस्या के अनुरूप उचित उपचार तकनीक का निर्धारण किया जाए ताकि उन्हें सफलता मिलने की संभावना अधिक रहे। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ इन्दिरा आईवीएफ अनगिनत दम्पतियों को निःसंतानता की जटिल यात्रा को नेविगेट करने और परिवार पूरा करने में मदद कर रहा है। यहां अंडाणु और शुक्राणु की फ्रीजिंग के लिए परामर्श और सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं जो कई युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही हैं, जो फैमिली प्लानिंग करने में शुरुआती दिनों में थोडा विलम्ब करना चाहते हों।

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