अंडमान सागर में भारत, सिंगापुर और थाईलैंड के बीच त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास सिटमेक्स-21 का दो दिवसीय तीसरा संस्करण सोमवार से शुरू हो चुका है। इसमें भारतीय नौसेना का स्वदेश निर्मित मिसाइल कार्वेट आईएनएस कर्मुक भी भाग ले रहा है। रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी (आरएसएन) का प्रतिनिधित्व फॉर्मिडेबल क्लास फ्रिगेट आरएसएस टेनेशियस और रॉयल थाई नेवी (आरटीएन) का हिज मैजेस्टी थाईलैंड शिप (एचटीएमएस) थायनचोन कर रहा है, जो खामरोसिन क्लास एंटी-सबमरीन पैट्रोल क्राफ्ट है।
रॉयल थाई नेवी कर रही है मेजबानी
भारतीय नौसेना, रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी और रॉयल थाई नेवी के बीच आपसी अंतर-संचालन को बढ़ाने और सर्वोत्तम प्रथाओं को आत्मसात करने के उद्देश्य से समुद्री अभ्यास ‘सिटमेक्स’ 2019 से प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है। सिटमेक्स के पहले संस्करण की मेजबानी सितंबर, 2019 में पोर्ट ब्लेयर में भारतीय नौसेना ने की थी। रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी ने नवंबर, 2020 में अभ्यास के दूसरे संस्करण की मेजबानी की। अंडमान सागर में चल रहे अभ्यास के 2021 संस्करण की मेजबानी रॉयल थाई नेवी कर रही है।
नौसेनाओं के बीच सहयोग को और बढ़ाना है उद्देशय
यह अभ्यास कोरोना प्रतिबंधों के मद्देनजर ‘नॉन कॉन्टैक्ट, केवल समुद्र में’ अभ्यास के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इसमें तीन मित्र नौसेनाओं के बीच समुद्री क्षेत्र में बढ़ते तालमेल, समन्वय और सहयोग पर प्रकाश डाला गया है। दो दिनों के समुद्री अभ्यास के दौरान तीन नौसेनाएं अनेक प्रकार के युद्धाभ्यास और सरफेस वारफेयर समेत विभिन्न सामरिक अभ्यासों में शामिल होंगी। सिटमेक्स-21 मित्रता के लंबे समय से चले आ रहे रिश्ते को मजबूत करेगा और क्षेत्र में समग्र समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के मद्देनजर नौसेनाओं के बीच सहयोग को और बढ़ाएगा।
इससे पहले भी भारत-थाईलैंड करते रहे हैं सहयोग
भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती (इंडो-थाई कॉर्पैट) का 32वां संस्करण बीते शुक्रवार 12 नवंबर से अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पर आयोजित किया गया है, जो आगामी 14 नवम्बर तक चला। यह अभियान भारत और थाईलैंड के बीच दोस्ती का मजबूत बंधन बनाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों में योगदान देगा। जानकारी के लिए बता दें कि दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत करने की दिशा में और हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए सुरक्षित रखने के उद्देश्य से दोनों नौसेनाएं 2005 से अपनी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के साथ द्वि-वार्षिक कॉर्पेट कर रही हैं।
पीएम मोदी के विजन ‘सागर’ को मिलेगी मजबूती
जानकारी के लिए बता दें कि पीएम मोदी के विजन ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के तहत भारतीय नौसेना क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में हिन्द महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है। यह प्रयास द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों, समन्वित गश्ती, संयुक्त ईईजेड निगरानी और मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के माध्यम से किया गया है। भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के सम्बन्ध आपसी गतिविधियों और बातचीत के माध्यम से पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुए हैं।