डेनमार्क दौरे पर गए पीएम मोदी का डेनमार्क साम्राज्य की महारानी, मार्गरेट द्वितीय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भी उनके शासनकाल की स्वर्ण जयंती के अवसर पर बधाई दी। इससे पहले पीएम मोदी ने संयुक्त रूप से डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन और डेनमार्क के क्राउन प्रिंस फ्रेडरिक के साथ मंगलवार को डेनमार्क उद्योग परिसंघ में भारत-डेनमार्क व्यापार मंच में भागीदारी की। वहीं इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कुल 9 समझौते हुए।
डेनिश कंपनियों को भारत आने का आमंत्रण
बैठक में पीएम मोदी ने दोनों अर्थव्यवस्थाओं के पूरक कौशल पर जोर दिया और डेनिश कंपनियों को हरित प्रौद्योगिकियों, कोल्ड चेन, कचरे से धन, शिपिंग और बंदरगाहों जैसे क्षेत्रों में भारत में उपलब्ध विशाल अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने भारत के व्यापार अनुकूल दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला और सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए दोनों पक्षों के व्यापारिक समुदायों को प्रोत्साहित किया।
दूसरी ओर डेनमार्क के प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन ने दोनों देशों के बीच एक समन्वय बनाने में व्यापारिक समुदायों की भूमिका पर प्रकाश डाला। दोनों ओर से हरित प्रौद्योगिकी, नवाचार और डिजिटलीकरण, ऊर्जा स्वतंत्रता और नवीकरणीय ऊर्जा, जल, पर्यावरण और कृषि, बुनियादी ढांचा, परिवहन और सेवाएं क्षेत्र से जुड़े दोनों देशों के व्यापार जगत ने भागीदारी की। इसमें दोनों देशों के व्यापार जगत की हस्तियों ने भागीदारी की।
ज्वाइंट वर्क प्लान की समीक्षा
बैठक के बाद अपने वक्तव्य में पीएम मोदी ने कहा कि अक्तूबर 2020 में इंडिया-डेनमार्क वर्चुअल समिट के दौरान हमने अपने संबंधों को हरित रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया था। हमारी आज की चर्चा के दौरान, हमने अपनी हरित रणनीतिक साझेदारी के ज्वाइंट वर्क प्लान की समीक्षा की।
डेनिश कंपनियां भारत में कर रही हैं काम
पीएम ने कहा कि उन्हें खुशी है कि विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य, पोर्ट्स, शिपिंग, सर्कुलर इकोनामी तथा वॉटर मैनेजमेंट के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। 200 से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं- जैसे पवन ऊर्जा, शिपिंग, कंसल्टेंसी, फूड प्रोसेसिंग, इंजीनियरिंग ऐसे कई क्षेत्र हैं। इन्हें भारत में बढ़ते ‘इज ऑफ डूइिंग बिजनेस’ और हमारे व्यापक आर्थिक रिफॉर्म का लाभ मिल रहा है। भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और ग्रीन इंडस्ट्रीज में डेनिश कम्पनीज और डेनिश पेंशन फंड के लिए निवेश के बहुत अवसर हैं।
COP-26 के संकल्पों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध
पीएम मोदी ने बताया कि आज हमने भारत-EU रिश्तों, इंडो-पैसिफिक और यूक्रेन सहित कई क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि इंडिया ईयू फ्री ट्रेड एग्रीमेंट उस पर नीगोशियेशन यथाशीघ्र संपन्न होंगे। हमने एक फ्री, ओपन, इनक्लूसिव और रूल्स बेस्ड इंडो-पसिफ़िक क्षेत्र को सुनिश्चित करने पर जोर दिया।। हमने क्लाइमेट के क्षेत्र में अपने सहयोग पर भी चर्चा की। भारत ग्लासगो COP-26 में लिए गए संकल्पों को पूरा करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। हम आर्कटिक क्षेत्र में सहयोग के अधिक अवसर तलाशने पर सहमत हुए हैं। हमने यूक्रेन में तत्काल युद्ध विराम और समस्या के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की।