International Yoga Day 2021: शरीर को निरोग रखने में योग का महत्वपूर्ण योगदान है और ये भारत ने ही पूरी दुनिया को बताया है. योग रखे निरोग का संदेश आज पूरी दुनिया जानती है. आज की तारीख भी खास है, आज यानि 21 जून को पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जाता है. 21 जून की इस तारीख ने पिछले कुछ ही बरस में भारत के साथ ही विश्व के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर लिया है. आज से छह वर्ष पहले योग को महत्वपूर्ण मानते हुए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में आज के दिन को इतिहास में दर्ज किया गया और तब से ही हर साल इस दिवस को योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.
इस दिवस की शुरुआत तब हुई जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया और देखते ही देखते दुनिया के तमाम देश इस मुहिम में शामिल हो गए हैं. बता दें कि 21 जून के दिन की एक खासियत है कि यह वर्ष के 365 दिन में सबसे लंबा दिन होता है और योग के निरंतर अभ्यास से व्यक्ति को लंबा जीवन मिलता है इसलिए इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया गया. ए
PM मोदी ने कहा कि जब भारत नें संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था तो उसके पीछे ये ही भावना थी कि योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो. इस दिशा में भारत ने संयुक्त राष्ट्र, WHO के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है.अब विश्व को M-Yoga एप की शक्ति मिलने जा रही है. मुझे पूरा विश्वास है M-Yoga ऐप योग का विस्तार दुनियाभर में करने और ‘वन वर्ड वन हेल्थ’ के प्रयासों को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा.
इस ऐप में कॉमन योगा प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रशिक्षण के कई वीडियो दुनिया की अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे. ये आधुनिक तकनीकी और प्राचीन विज्ञान के फ्यूजन का भी एक बेहतरीन उदाहरण है.
मेडिकल साइंस ने भी माना है योग की ताकत
आज मेडिकल साइंस भी उपचार से साथ-साथ हीलिंग पर भी उतना ही बल देता है और योग हीलिंग प्रोसेस में उपकारक है. मुझे संतोष है कि आज योग के इस पहलू पर दुनियाभर के विशेषज्ञ अनेक प्रकार के साइंटिफिक रिसर्च भी कर रहे हैं.
योग से हमें अनुभव होता है कि हमारी विचार शक्ति, आंतरिक सामर्थ्य इतनी ज्यादा है कि कोई परेशानी,नकारात्मकता हमें तोड़ नहीं सकती. योग हमें स्ट्रेस से स्ट्रेंथ की ओर और नेगेटिविटी से क्रिएटिविटी का रास्ता दिखाता है. योग हमें अवसाद से उमंग और प्रमाद से प्रसाद तक ले जाता है.
कोरोना काल में योग बना उम्मीद की किरण
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के इस संकट में योग उम्मीद की किरण बना है. आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है तो योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है. 2 वर्ष से दुनियाभर के देशों में और भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित न हुआ हो लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह जरा भी कम नहीं हुआ है.
कोरोना के डेढ़ वर्षों में भारत समेत कितने ही देशों ने बड़े संकट का सामना किया. दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस उनका सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है. इस मुश्किल समय में इतनी परेशानी में लोग इसे आसानी से भूल सकते थे. लेकिन लोगों में योग का उत्साह और बढ़ा है.
पीएम मोदी ने बताया योग फॉर वेलनेस का महत्व
कोरोना के बावजूद इस बार की योग दिवस की थीम ‘योग फॉर वेलनेस’ ने करोड़ो लोगों में योग के प्रति उत्साह को और बढ़ाया. मैं आज योग दिवस पर ये कामना करता हूं कि हर देश हर समाज और हर व्यक्ति स्वस्थ हो. सब एकसाथ मिलकर एक दूसरे की ताकत बनें.
करोना के अदृश्य वायरस ने जब दुनिया में दस्तक दी थी तब कोई भी देश साधनों से सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से इसके लिए तैयार नहीं था. ऐसे कठिन समय में योग आत्मबल का एक बड़ा माध्यम बना. योग ने लोगों में ये भरोसा बढ़ाया कि हम इस बीमारी से लड़ सकते हैं.