पटना / नई दिल्ली ।भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद , विदेश मंत्रालय के अध्यक्ष एवं सांसद डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा है कि भारत की संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने तथा उसे सुदृढ़ करने की आवश्यकता है और इसमें साहित्य एवं संस्कृति पर आधारित पत्र – पत्रिकाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं ।
डॉ सहस्त्रबुद्धे ने आज यहां साहित्य एवं संस्कृति पर आधारित पत्रिका गगनांचल के नए अंक का विमोचन करते हुए कहा कि भारत की संस्कृति पूरी दुनिया में मशहूर है और अन्य देशों के लोग भी यहां की संस्कृति और सामाजिक परंपरा को बेजोड़ मानते हैं ।उन्होंने कहा कि यहां की संस्कृति को जीवंत बनाए रखने में गगनांचल जैसी पत्रिकाएं अहम भूमिका निभा रही हैं और इन्हें ज्यादा से ज्यादा प्रसारित एवं प्रोत्साहित करना चाहिए ।
सांसद ने कहा कि भारत विविध संस्कृतियों के मेल का अद्भुत देश है और यहां की सामाजिक – पारिवारिक परंपराएं लोगों को आपस में जोड़ने का काम करती हैं ।उन्होंने कहा कि जिस देश की संस्कृति उन्नत, विकसित और प्रगतिशील विचारों पर आधारित होगी , उसे आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता ।
इस अवसर पर लघु उद्योग समाचार के मुख्य संपादक हरेंद्र प्रताप तथा केंद्रीय हिंदी संस्थान के प्रोफेसर डॉ उमापति दीक्षित ने इस पत्रिका द्वारा किए जा रहे सकारात्मक प्रयासों की सराहना की ।आरंभ में गगनांचल के संपादक डॉ आशीष कंधवे ने पत्रिका के वर्तमान एवं भावी स्वरूप पर चर्चा की ।