पटना। कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य में अमानक खादों की बिक्री पर रोक लगाने को कई तरह के कदम उठाये जाते हैं। इसके अलावा खाद की आपूर्ति भी रबी मौसम में जरूरत के अनुसार ठीक हुई है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में 28 फ रवरी तक जितने नमूने जांच हुए उसमें 4.25 प्रतिशत खाद अमानक निकले। दिसम्बर तक हुई जांच के आधार पर 12 विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पांच का लाइसेंस रद्द किया गया है और एक का निलंबित किया गया है। कृषि मंत्री गुरुवार को विधान परिषद में सुनील सिंह के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि रसायनिक खादों के 3479 नमूनों की जांच फ रवरी तक हुई थी।
इनमें 2.52 प्रतिशत यानी कुल 88 नमूने अमानक निकले लेकन इस अवधि में ऑरगेनिक खादों के 85 नमूनों की जांच हुई तो उनमें 34 यानी 40 प्रतिशत नमूने अमानक निकले। दिसम्बर महीने तक हुई जांच में तीन प्रतिशत रसायनिक, 38 प्रतिशत ऑर्गेनिक और 40 प्रतिशत बायो खाद अमानक निकले।
मंत्री ने कहा कि खाद की जांच में नकली शब्द परिभाषित नहीं है। नमूने मानक और अमानक ही होते हैं। इसपर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि किसान तो अमानक जानेंगे ही नहीं तो क्या नकली कहा जा सकता है। मंत्री ने जवाब में कहा कि किसी को नकली कहने से सरकार रोक नहीं सकती है। खाद की आपूर्ति पर मंत्री ने कहा कि यूरिया की 11.10 लाख टन की जरूरत थी और 10 लाख 57 हजार टन यानी 95 प्रतिशत उपलब्ध हो गई लेकिन डीएपी जरूरत का 78 प्रतिशत, एनपीके 113 प्रतिशत और एमओपी मात्र 31 प्रतिशत ही उपलब्ध हो सकी।