भारत में 5G नेटवर्क विकास के आखिरी चरण में, जानें कैसे आएगा बड़ा बदलाव

”इंटरनेट” हमारी जीवनशैली का अहम अंग बन चुका है। दरअसल, इंटरनेट के बिना अब जीवन नामुमकिन सा लगने लगा है। जी हां, इंटरनेट के बिना बहुत सी चीजें ठप पड़ सकती हैं, जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, स्मार्ट टीवी, स्मार्ट वॉच, हैंड फ्री, वाई-फाई व अन्य बहुत से उपकरण इत्यादि। इसलिए अब घर, ऑफिस, शॉपिंग या टाइम पास के दौरान कभी भी-कहीं भी थोड़ी देर इंटरनेट ठप हो जाए, तो लगने लगता है कि मानों जिंदगी थम गई है। लिहाजा भारत में लोगों को नेक्स्ट जनरेशन इंटरनेट यानि 5G नेटवर्क देने पर काम किया जा रहा है। ऐसे में हमारे लिए भी यह जानना जरूरी है कि 5जी नेटवर्क क्या है? और क्या इससे इंटरनेट तेज होगा? आइए विस्तार से जानते हैं केंद्र सरकार कैसे इस कार्य को रूप देने में लगी है…
केंद्र सरकार का व्यापक कार्यक्रम
लोगों को 5G नेटवर्क से बहुत उम्मीदें हैं। दरअसल 5जी के साथ तेज डाटा नेटवर्क स्पीड जो मिलने वाली है। मीडिया रिपोर्टों में के आधार पर एक्सपर्ट्स की मानें तो इससे इंटरनेट सर्फिंग स्पीड 2 से 20 जीबी प्रति सेकेंड तक होने की उम्मीद जताई जा रही है। केंद्र सरकार ने एक प्रमुख सेमीकंडक्टर प्रोग्राम भी शुरू किया है। यह भी बहुत व्यापक कार्यक्रम है, जिसमें सिलिकॉन चिप से लेकर कंपाउंड सेमीकंडक्टर, डिजाइन आधारित निर्माण, डिजाइन में उद्यमियों की एक श्रृंखला तैयार करके 85,000 सेमीकंडक्टर इंजीनियरों को तैयार किया जाना है।
डिजिटल वर्ल्ड के लिए जरूरी
वहीं पूरी तरह से भारत में डिजाइन किए गए, भारतीय 4जी स्टैक का परीक्षण भी अपने अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि कुछ महीनों में यह पूरा हो जाएगा। 5जी नेटवर्क तकनीकी उद्योग को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। 5जी नेटवर्क नए उपयोग किए गए मामलों को जीवन में लाने का मार्ग प्रशस्त करेगा जिससे भारतीय बाजारों के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में फिनटेक समाधानों का प्रसार हो सकता है। जी हां, 5G नेटवर्क एक अगली पीढ़ी की वायरलेस तकनीक है। 5G तकनीक की कल्पना नेटवर्क सोसायटी की क्षमता के विस्तार के लिए एक नींव के रूप में की गई है। 5G नेटवर्क चुने हुए उपकरण जैसे टेली-मेडिसिन, टेली-शिक्षा, संवर्धित व वर्चुअल रियल्टी, ड्रोन-आधारित कृषि निगरानी और 5जी फोन और उपकरणों का परीक्षण करने के लिए किया गया है।
टेक्नोलॉजी लेवल मजबूती
आज के समय में लगभग हर उद्योग में कनेक्टिविटी की शक्ति के माध्यम से लाया गया एक डिजिटल परिवर्तन भी साथ-साथ हो रहा है, जिसमें बड़े पैमाने पर “स्मार्ट चीजों” को आपस में जोड़ने का विस्तार कार्य हो रहा है। इसलिए, जिस तरह से भविष्य के नेटवर्क व्यापक रूप से विविध मांगों का सामना करेंगे और एक व्यावसायिक परिदृश्य आज से काफी अलग होगा, उसी प्रकार उनकी जरूरतों को समझते हुए केंद्र सरकार ने अभी से इन पर कार्य शुरू कर दिया है। इससे आने वाले समय में देश को टेक्नोलॉजी के स्तर पर काफी मजबूती मिलेगी।
आर्थिक लाभ
5G तकनीक से होने वाले आर्थिक लाभ भी काफी अधिक हैं। डिजिटल आर्थिक नीति पर ”आर्थिक सहयोग और विकास संगठन” समिति के अनुसार, यह कहा गया है कि 5 जी प्रौद्योगिकियों के रोलआउट से जीडीपी बढ़ाने, रोजगार सृजन, अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में काफी मदद मिलेगी। भारत के लिए 5G उद्योग को वैश्विक बाजारों तक पहुंचने का अवसर प्रदान करता है, और उपभोक्ताओं को अर्थव्यवस्थाओं के साथ लाभ प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान करता है। गौरतलब हो दुनियाभर के देशों ने इसी तरह के फोरम लॉन्च किए हैं और भारत भी 5G तकनीक की दौड़ में शामिल हो चुका है। वहीं 45 से अधिक देशों के दूरसंचार क्षेत्र के खरीदारों ने हाल ही संपन्न हुए कार्यक्रम ”इंडिया टेलीकॉम 2022” में भाग भी लिया जो दर्शाता है कि ये कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश के लिए रुचि दिखा रही हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग 75 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब
भारत एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरा है। आज भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग 75 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है। यह 20% सीएजीआर से ऊंची दर से बढ़ रहा है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि 5 जी नेटवर्क के आने से इन इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को कितना लाभ मिलने वाला है।
स्मार्टफोन बिक्री से फायदा
देश में 5G नेटवर्क के आने से 5G स्मार्टफोन निर्माता कंपनी को मोटा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या भी काफी अधिक है। ऐसे में 5 जी स्मार्टफोन की बिक्री से मोबाइल कंपनियों को अच्छा खासा लाभ कमाने का मौका मिलेगा।
5जी से कितना तेज इंटरनेट
याद हो, भारत जब 5जी पारिस्थितिकी तंत्र की दौड़ में शामिल हुआ था तो भारत ने साल 2020 में 5जी पर एक उच्च स्तरीय मंच का गठन किया था। उस दौरान शहरी भारत में 10 Gbps के 100% कवरेज और ग्रामीण भारत में 1 Gbps के साथ अगली पीढ़ी के सर्वव्यापी अल्ट्रा-हाई ब्रॉडबैंड इन्फ्रास्ट्रक्चर की त्वरित तैनाती की गई थी। तब से इसे और अधिक बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार निरंतर कार्य में जुटी हुई है और अब यह कार्य अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। यानि केंद्र सरकार इसे जल्द ही ऑफिशियली लॉन्च करेगी। तब 5 जी नेटवर्क के जरिए बड़े से बड़े डेटा को आसानी से अपलोड किया जा सकेगा।
ज्यादा बैंडविथ की जरूरत
5G नेटवर्क के लिए ज्यादा बैंडविथ की जरूरत होगी ताकि यूजर्स के पास इंटरनेट सर्विस तेजी से काम कर सके। इससे एक बात तो साफ है कि तेज इंटरनेट के लिए ज्यादा मोबाइल टावर लगाने की आवश्यकता पड़ेगी।
2.6 लाख गांवों तक पहुंची ऑप्टिकल फाइबर
गौरतलब हो, केंद्र सरकार ने देश में 6 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है जिनमें से अभी तक 2.6 लाख गांवों तक पहुंच चुके हैं। दूरसंचार विभाग 2025 तक इस लक्ष्य को हासिल करने की योजना बना रहा है।
काफी इंतजार के बाद 5G की चर्चा अब देशभर में जोरशोर से हो रही है। सभी के मन में यह सवाल है 5G को देश में कब लॉन्च किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा इसे ऑफिशियली जल्द लॉन्च किया जा सकता है। जी हां, ”इंडिया टेलीकॉम 2022” प्रोग्राम के दौरान केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बात की ओर इशारा करते हुए कहा भी है कि 5G नेटवर्क विकास में भारत अब अपने आखिरी चरण में पहुंच चुका है। फिलहाल दूरसंचार विभाग ने 5जी तकनीक और स्पेक्ट्रम ट्रायल को मंजूरी दे दी है।
फिलहाल टेलिकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियों द्वारा भारत के ग्रामीण, अर्द्ध शहरी और शहरी इलाकों को 5जी ट्रायल में शामिल किया जाएगा। केवल इतना ही नहीं ट्रायल के तहत 5जी से जुड़ी घरेलू तकनीकी को भी शामिल किया जाएगा। प्रयोग के लिए यह स्पेक्ट्रम विभिन्न बैंडों में दिया जा रहा है जिसमें मिड-बैंड (3.2 गीगाहर्ट्ज से 3.67 गीगाहर्ट्ज), मिलीमीटर वेव बैंड (24.25 गीगाहर्ट्ज से 28.5 गीगाहर्ट्ज) और सब-गीगाहर्ट्ज बैंड (700 गीगाहर्ट्ज) शामिल हैं। टीएसपी को इसके अलावा 5 जी परीक्षणों के संचालन के लिए उनके मौजूदा स्पेक्ट्रम (800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज) के तहत ट्रायल की अनुमति होगी।

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