मालदीव के अड्डू शहर में भारत खोलेगा वाणिज्य दूतावास

भारत सरकार ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में, 2021 में मालदीव के अड्डू शहर में भारत के एक नए वाणिज्य दूतावास को खोलने की मंजूरी दी गई है।

भारत-मालदीव संबंध

भारत और मालदीव के बीच प्राचीन काल से ही जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक संबंध बने रहे हैंI भविष्य के लिए भारत की दूरगामी सोच में “पड़ोस पहले नीति” और एसएजीएआर (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रिजन) ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास’ के तहत मालदीव का प्रमुख स्थान हैI

क्या होता है वाणिज्य दूतावास

वह दूतावास, जहां वाणिज्य संबंधी कार्य के लिए राजदूत नियुक्त हों। यह सामान्य दूतावास से बिल्कुल भिन्न होता है। वाणिज्य दूतावास में सिर्फ व्यापार संबंधी फैसले होते हैं। यहां प्रत्यक्ष रूप से कोई राजनयिक फैसले नहीं लिए जाते हैं। अड्डू शहर में नया वाणिज्य दूतावास खोलने से मालदीव में भारत की व्यापारिक उपस्थिति और बढ़ेगी और इससे वर्तमान संबंधों और आकांक्षाओं को मजबूत बनाया जा सकेगाI

भारतीय कंपनियों को मिलेगा लाभ

यह ‘सबका साथ सबका विकास’ की हमारी संवृद्धि और विकास की राष्ट्रीय प्राथमिकता की नीति को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम भी हैI भारत की राजनयिक उपस्थिति में बढ़ोतरी से भारतीय कम्पनियों को वहां के बाजारों में अपनी पैठ बनाने और भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ाने में भी आवश्यक सहायता मिलेगीI इससे “आत्मनिर्भर भारत” के हमारे लक्ष्यों के अनुरूप घरेलू उत्पादन और रोजगार के अवसरों में वृद्धि पर भी सीधा असर होगा I

मालदीव, भारत के लिए बेहद अहम क्यों है

हिन्द महासागर में मालदीव की सामरिक स्थिति अंतर्राष्ट्रीय सागरीय मार्ग वाले तेल व्यापार के लिए अति महत्वपूर्ण है। अदन की खाड़ी, मलक्का और हॉर्मुज जलसंधियों के मध्य हिन्द महासागर में मालदीव की केंद्रीय स्थिति को देखकर ही, भारत ने एक प्रस्ताव पारित कर नवंबर, 2018 में मालदीव को ‘इंडियन ओशियन रिम एसोसिएशन’ का 22वाँ सदस्य बनवाया है।

हिन्द महासागर में मालदीव की सामरिक अवस्थिति भारत के हितों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हिन्द महासागर में मालदीव के क्षेत्र में स्थित अंतर्राष्ट्रीय समुद्री जहाज मार्ग भारत, जापान और चीन की ऊर्जा आपूर्ति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। संख्या की दृष्टि से भारत का 97 प्रतिशत से अधिक और मूल्यात्मक दृष्टि से 75 प्रतिशत से अधिक अंतरराष्ट्रीय व्यापार हिन्द महासागर में बैठे मालदीव के अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शिपिंग लेंस के जरिए होता है। मालदीव भारत के लिए ब्लू इकोनॉमी अथवा सागरीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप के तटीय क्षेत्रें की सुरक्षा के लिए भी मालदीव बेहद जरूरी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिल चुका है मालदीव का सर्वोच्च सम्मान

इस समय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह के नेतृत्व में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध अप्रत्याशित रूप से नए आयाम और ऊंचाइयों को छू रहे हैं I सभी को याद होगा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 का चुनाव जीतने के बाद पहली आधिकारिक विदेश यात्रा मालदीव की ही की थी। इस यात्रा के दौरान मालदीव सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान ‘रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन’ से नवाजा था।

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