सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक ने कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण ब्याज दर (एमसीएलआर) में कटौती की है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने इसे 0.05 फीसदी कम किया है। नई दरें 11 सितंबर से प्रभावी हो गई हैं। एक वर्ष की अवधि वाले ऋण पर एमसीएलआर 7.25 फीसदी से घटाकर 7.20 फीसदी कर दिया गया है। इसी तरह एक दिन और एक महीने की अवधि के ऋण पर कटौती के बाद ब्याज दर 6.75 फीसदी हो गयी है।
इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी घटाई दर
सार्वजनिक क्षेत्र के ही अन्य बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी एमसीएलआर में 0.10 फीसदी की कटौती की है। बैंक ने एक साल की अवधि वाले ऋण पर ब्याज दर 7.65 फीसदी से घटाकर 7.55 फीसदी कर दिया है।
यूको बैंक ने भी दिया तोहफा
यूको बैंक ने एमसीएलआर 0.05 अंक कम कर दी थी। बैंक ने एक बयान में कहा कि इसके बाद एक साल की अवधि वाले ऋण पर यह मानक दर 7.40 फीसदी से घटकर 7.35 फीसदी हो गयी है। यह कटौती अन्य सभी अवधि के ऋणों पर भी समान रूप से लागू होगी।
SBI ने घटाई MCLR रीसेट फ्रीक्वेंसी
मालूम हो कि भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भी हाल ही में ग्राहकों को बड़ी राहत दी थी। एसबीआई ने रिटेल लोन के लिए सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (MCLR) रीसेट फ्रीक्वेंसी को एक साल से घटाकर छह महीने कर दिया है। इसका सीधा फायदा एसबीआई के होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को होगा।
एसबीआई ने ट्वीट कर कहा कि, ‘अब ग्राहक एक साल का इंतजार किए बिना ब्याज दर में कमी का लाभ उठाएंगे। एसबीआई ने एमसीएलआर रीसेट फ्रीक्वेंसी को छह महीने कर दिया है।’