डा सच्चिदानंद सिन्हा की पुण्यतिथि पर बिहार बार काउंसिल भवन में श्रद्धांजलि सभा आयोजित

पटना : आधुनिक बिहार के निर्माता डा सच्चिदानंद सिन्हा की पुण्यतिथि बिहार बार काउंसिल भवन में मनाई गई। समारोह की अध्यक्षता जीकेसी की प्रदेश अध्यक्ष डा नम्रता आनंद ने की।

नए भारत के निर्माण में डा सच्चिदानंद सिन्हा अहम भूमिका रही है : डा. नम्रता आनंद

डा.नम्रता आनंद ने कहा, डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा की नए भारत के निर्माण में अहम भूमिका रही है।दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए संविधान गढ़ना कोई आसान काम नहीं था। सिर्फ बिहार ही नहीं वल्कि पूरे देश का सौभाग्य है कि इतनी महती भूमिका को निभाने के लिए बनी संविधान सभा के पहले कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में डा.सच्चिदानंद सिन्हा को ही चुना गया। बिहार को अलग प्रांत बनाने के अभियान में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महान नेता, भारत की संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष, प्रख्यात कानूनविद्, शिक्षाविद्, अधिवक्ता, लेखक एवं पत्रकार डॉ सच्चिदानंद सिन्हा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं चित्रगुप्त परिवार संदेश के संपादक और वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि जातीय कारणों से डा सच्चिदानंद सिन्हा की अबतक उपेक्षा की जाती रही है जबकि बिहार के निर्माण से लेकर अनेक महत्वपूर्ण स्थलों के लिए जमीन उन्होंने ही दी थी । कायस्थ समाज अब इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और चित्रांश युवा अपने पूर्वजों के सम्मान की रक्षा के लिए आगे आ रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि संविधान सभा के पहले अध्यक्ष होने के बावजूद उनकी कोई प्रतिमा संसद भवन मे नही है । जिस विधान मंडल के लिए उन्होने जमीन दी वहां भी उनकी प्रतिमा नही है, यह आश्चर्यजनक सच है जिसके लिए दोषी पूर्व की तमाम सरकारें और कायस्थ समाज के सभी बड़े नेता हैं जिनको समाज के आज के युवा कभी माफ़ नहीं कर सकते । उन्हे मरणोपरांत भारत रत्न से विभूषित करने के लिए एक अभियान चलाने की आवश्यकता है और सम्मान दिलाने तक संघर्ष करने की जरुरत है ।

समारोह के विशिष्ट अतिथि और भाजपा समर्थक मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा डा सच्चिदानंद सिन्हा की जीवनी पाठ्यक्रम से हटाई गई । इसके लिए आर टी आई मे सरकार द्वारा गुमराह किया जा रहा है, यह शर्मनाक है जिसका विरोध कायस्थ समाज के लोग जोरदार तरीके से करेंगे। धन्यवाद ज्ञापन अरूण कुमार ने किया। समारोह मे अधिवक्ता रीतेश वर्मा, विश्वजीत कुमार, प्रवीण कुमार, शिवनंदन प्रसाद, वरीय पत्रकार विजय शंकर, गुरदयाल सिंह,  मनीश वर्मा आदि अनेक लोग उपस्थित थे ।

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