8 वर्षों में बिहार में रेलवे द्वारा कई परियोजनाओं को किया गया पूरा

पटना। पीएम नरेन्द्र मादी के विजन एवं मार्गदर्शन में भारतीय रेल नई उंचाईयों को छू रहा है। इसी क्रम में बिहार में पिछले 8 वर्षों में रेलवे द्वारा आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिये नई लाइन, आमान परिवर्तन, दोहरीकरण व विद्युतीकरण के क्षेत्र में कई कार्य पूरे किये गए हैं जिससे इस क्षेत्र में विकास को एक नई दिशा मिली है।

बिहार में रेलवे के आधारभूत संरचनाओं एवं यात्री सुविधा के विकास के लिए 2014-2022 तक प्रतिवर्ष औसतन 3960 करोड़ रुपये का आवंटन किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि बिहार में काफ ी तेजी से लंबित रेल परियोजनाओं के साथ ही नई परियोजनाओं को पूरा किया जा सका है।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने 12 मार्च 2016 को नवनिर्मित रेल सह सड़क पुल, पटना तथा रेल सह सड़क पुल, मुंगेर के रेलवे का भाग राष्ट्र को समर्पित किया। इसके साथ प्रधानमंत्री द्वारा वर्तमान राजेन्द्र पुल के समानांतर एक नए रेल पुल की आधारशिला भी रखी थी। 18 सितम्बर 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा कोसी महासेतु को राष्ट्र को समर्पित किया गया था। पिछले 08 वर्षों में 2014 से 2022 तक रेलवे द्वारा बिहार में  309 किमी नई रेल लाईन,  370 किमी रेल लाईन का आमान परिवर्तन, 243 किमी लाईनों का दोहरीकरण पूरा करते हुए उनपर ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ किया जा चुका है।

आधारभूत संरचनाओं के निर्माण से न केवल इस क्षेत्र के लोगों को सस्ती, सुलभ एवं आरामदायक आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो पायी बल्कि  इस क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है जो भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा। 2021-2022 में 9 किमी लंबे निर्मली आसनपुर कुपहा नई रेल लाईन एवं 7 किमी लंबे कटरिया कुरसेला 11 किमी लंबे साठी नरकटियागंज 12 किमी लंबे सहदेई  बुर्जुग शाहपुर पटोरी तथा 11 लंबे हाजीपुर अक्षयवट राय नगर एवं 11 किमी लंबे पटलीपुत्र पहलेजा रेलखंड रेलखंड का दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया।

इसके साथ ही 2 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं  नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा द्वारा भारत नेपाल रेल परियोजना के तहत् प्रथम चरण में नव आमान परिवर्तित जयनगर जनकपुर धाम कुर्था रेलखंड पर डेमू ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

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