नेपाल की राह पर पाकिस्तान भी चल पड़ा है. नेपाल की तरह पाकिस्तान ने भी नया राजनीतिक नक्शा जारी करते हुए भारतीय इलाकों जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और गुजरात के जूनागढ़ को अपने नक्शे में शामिल किया है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने विवादित नक्शे को मंजूरी दी है. पहले पाकिस्तान सिर्फ पीओके को अपना हिस्सा बताता था, यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने इन इलाकों को अपने नक्शे में दिखाया है.पाकिस्तान से पहले नेपाल ने भी ऐसा ही कारनामा किया है. उसने भी विवादित नक्शे को मंजूरी दी, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को शामिल किया गया, जिसे वहां की संसद ने मंजूरी भी दे दी है.
इमरान खान ने कहा, ”पाकिस्तान ने हमेशा चाहा है कि कश्मीर देश का हिस्सा हो, यह इस दिशा में पहला कदम है. ” हालांकि, कई बार भारत के साथ युद्ध में मात खा चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह राजनीतिक संघर्ष करेंगे, सैन्य समाधान में उनका विश्वास नहीं है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गिलगित बाल्टिस्तान सहित सियाचिन को भी अपने देश का हिस्सा बताया और कहा कि हमारा गंतव्य श्रीनगर है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व के फाटा क्षेत्र को खैबर पख्तूनख्वाह से जोड़ दिया गया है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाने को लेकर पूरा जोर लगा लिया, लेकिन उसे हर जगह निराशा ही हाथ लगी.
इमरान ख़ान ने मंगलवार को ख़ुद इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट के फ़ैसले का तमाम विपक्षी पार्टियों और कश्मीरी (पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर) नेतृत्व ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि अब से पाकिस्तान के स्कूल, कॉलेज और सभी दफ़्तरों में पाकिस्तान का वही आधिकारिक नक़्शा होगा जिसे मंगलवार को पाकिस्तानी कैबिनेट ने मंज़ूर किया है.