Exclusive बिहार पत्रिका के लिए मुंगेर से विवेक कुमार यादव की रिपोर्ट
आए दिन देखने को मिलता है कि स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही के वजह से गरीब व असहाय तबके के लोग इलाज के अभाव में बेमौत मारे जा रहे हैं. ऐसी हीं एक घटना मुंगेर जिला के जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 14 में देखने को मिला है.
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल पूरी तरह से आम मरीजों के प्रति टाल-मटोल का रवैया अपना रहे हैं जिससे मरीजों के सामने बड़ी मुसीबत आ रही है. गौरतलब है कि वार्ड संख्या 14 नया गांव के समीर कुमार, पिता स्वर्गीय सरजुग मंडल की मृत्यु संध्या लगभग 7:00 बजे हो गई. समीर कुमार काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उनका इलाज स्वास्थ्य केंद्र जमालपुर में चल रहा था. वहां से उनको सदर हॉस्पिटल मुंगेर रेफर किया गया. मुंगेर से भी उन्हें मायागंज भागलपुर रेफर किया गया. मायागंज से भी उसे पटना रेफर किया गया. किंतु विडंबना देखिए कि गरीब तबके के लोगों को लॉक डाउन के वजह से साधन नहीं रहने की वजह से बेमौत मारे गए.
मृतक की पत्नी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि स्वास्थ्य विभाग में दर-दर की ठोकरें खाने के बावजूद भी मेरे पति का इलाज नहीं हुआ. हर जगह यह कहकर दुत्कार दीया गया कि अभी कोरोना जैसे महामारी का इलाज चल रहा है. अभी और किसी पेशेंट को हॉस्पिटल में नहीं रखा जा सकता.
इस बात की पुष्टि करते हुए वार्ड संख्या 6 के पूर्व वार्ड पार्षद अमर शक्ति के द्वारा बताया गया की स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही के वजह से एक गरीब और लाचार व्यक्ति मौत हो गयी. इस बात की पुष्टि मृतक के परिवार समाज के गणमान्य पूर्व वार्ड पार्षद श्री अमर शक्ति वार्ड संख्या 6 एवं अन्य ग्रामीणों ने की इस सुशासन की राज्य में महामारी का बहाना कर अगर इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मानवता को शर्मसार करते हुए इस तरह का कार्य किया जाता है तो यह सुशासन के मुंह पर बहुत बड़ा तमाचा है.
अभी तक मृतक के परिवार को सरकार के द्वारा दाह संस्कार के लिए किसी तरह का मदद नहीं मिल पाया गरीब तबके के परिवार हैं जिनके खाने पीने की लाले पड़े हैं. वह दाह संस्कार कहां से कर पाएंगे मृतक अपने पीछे एक पत्नी व दो पुत्री को छोड़ गए हैं. अब यह देखना है कि सरकार उन्हें क्या मदद करती है.
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