पिताजी होते हैं तो दही-चूड़ा भोज का बड़े स्‍तर पर आयोजन होता : तेजप्रताप यादव

पटना: राजद विधायक तेजप्रताप यादव ने अपने स्तर से अपने सरकारी आवास पर मकर संक्रांति के मौके पर गरीबों के लिए दही-चूड़ा का आयोजन किया. जहां उन्होंने आसपास के गरीबों को बुलाकर प्रेम से दही-चूड़ा खिलाया. खुद परोसा भी। उन्‍होंने अपने घोड़े को भी अपने हाथों से तिल-गुड़ खिलाया और सवारी की. वहीं दही-चूड़ा भोज के मौके पर तेज प्रताप अपने पिता लालू प्रसाद यादव को मिस कर रहे थे. मीडिया से बातचीत में कहा कि पिताजी होते हैं तो दही-चूड़ा भोज का बड़े स्‍तर पर आयोजन होता है। उनके रहने से हमलोगों में भी काफी उत्‍साह रहता है. उन्हें मिस कर रहा हूं। प्रार्थना करता हूं कि वे जल्‍दी हमारे बीच आएं।

इस दौरान उन्होंने अपने आवासीय परिसर में ही घोड़े की सवारी की और दंगल का आयोजन भी कराया। पहलवानों ने उनके आवास पर कुश्‍ती किया और कई करतब भी दिखाए । मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए तेज प्रताप ने भाजपा नेता भूपेंद्र यादव के दावों पर प्रतिक्रिया दी। तेज प्रताप ने कहा कि भाजपा और जदयू वाले पहले खुद संभल जाएं। उसके बाद दूसरे दल को तोडऩे की बात करें। जदयूु नेता ललन सिंह के बयान पर तेज प्रताप ने कहा कि सिर्फ बोलने से कुछ नहीं होता। राजद का भाजपा में विलय होना संभव नहीं है। तेज प्रताप ने कहा कि विधि-व्यवस्था के मोर्चे पर राज्य सरकार पूरी तरह फेल है। बिहार में आज कोई भी खुद को सुरक्षित नहीं समझ रहा है। चाहे नेता हो या कार्यकर्ता सबके सब डरे हैं।

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