ICMR ने देश के कई संस्थानों को इंसानों पर दवाओं के परीक्षण की दी अनुमति

पटना,कोरोना वायरस (COVID-19) की रोकथाम के लिए आईसीएमआर (ICMR) ने देश के कई संस्थानों को इंसानों पर दवाओं के परीक्षण की अनुमति दी है. इसी क्रम में पटना AIIMS में भी कोवैक्सिन (Covaxin) का ह्यूमैन ट्रायल शुरू होने वाला है. जानवरों पर सफल ट्रायल के बाद इस दवा का इंसानों पर परीक्षण किया जाएगा.

ICMR की अनुमति मिलने के बाद पटना AIIMS में इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. एम्स के अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि 10 जुलाई से कोवैक्सिन का ट्रायल शुरू होगा. इसके लिए 5 सदस्यीय एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम बनाई गई है. ट्रायल के लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गया है. शुरुआती फेज में 100 लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा गया है.

अधीक्षक ने कहा कि ट्रायल की समय सीमा 6 माह होगी. तब जाकर फाइनल रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजी जाएगी. आईसीएमआर ने निर्देश दिया था कि देश के सभी 12 अस्पतालों को ट्रायल के लिए 7 जुलाई तक मरीजों का चुनाव कर लेना है.

अब तक एथिक्स कमेटी की ओर से 6 अस्पतालों में ट्रायल की मंजूरी भी मिल गई है. हालांकि, कुछ अस्पतालों ने आईसीएमआर की ओर से दी गई ट्रायल की टाइमलाइन पर आपत्ति भी जताई है और समय सीमा फिक्स नहीं करने की अपील की है.

जिन 6 अस्पतालों को ट्रायल के लिए अप्रूवल मिला है उनमें से नागपुर का गिलुरकर मेडिकल हॉस्पिटल, बेलगाम का जीवन रेखा हॉस्पिटल, कानपुर का प्रखर हॉस्पिटल और गोरखपुर का राणा हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर हैं.

गौरतलब है कि ये सभी छोटे प्राइवेट अस्पताल हैं, जहां न तो रिसर्च सेंटर हैं और न ही यह किसी मेडिकल कॉलेज से ही अटैच है, बावजूद आईसीएमआर ने हरी झंडी दी है.

बता दें कि भारत बायोटेक कंपनी ने कोवैक्सिन की पहल की है और दावा भी किया है कि जल्द सफलता मिलेगी. उनका दावा है कि क्योंकि पहले भी भारत बॉयोटेक कंपनी ने अन्य बीमारियों का वैक्सीन भी बनाया है जिसे दूसरे देशों में सप्लाई भी किया जाता रहा है. कंपनी ने पोलियो, रेबीज रोटावायरस और जिका वायरस, चिकनगुनिया, जापानी इनसेफेलाइटिस, समेत अन्य बीमारियों का वैक्सीन भी तैयार किया है.

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