विभा कुमारी के परिजनों को न्याय दिलाने वैशाली पहुंची मानव अधिकार रक्षक की टीम

हाजीपुर, सामाजिक संगठन मानव अधिकार रक्षक की टीम विभा कुमारी की हत्या किये जाने को लेकर वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र के मोहनपुर धनराज गांव पहुंची और पीड़ित परिवार के लोगों से मुलाकात कर उन्हें इस मामले में न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र के मोहनपुर धनराज गांव निवासी सुबोध राम की बहन विभा कुमारी की शादी पटना जिले के परसा बाजार थाना के खैराटाली गांव निवासी विमल प्रकाश से हुयी थी। इसी क्रम में 24 दिसंबर को परसा बाजार थाना ने उन्हें सूचना दी कि उनकी बहन की हत्या कर दी गयी है। सुबोध राम ने इस मामले में विभा कुमारी के ससुराल पक्ष के लोगों पर आरोप लगाया है।

सुबोध राम ने इस मामले में उन्हें न्याय दिलाने के लिये मानव अधिकार रक्षक महिला प्रकोष्ठ बिहार की प्रदेश अध्यक्ष , दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका तथा समाजसेवी डा. नम्रता आनंद से संपर्क किया। सुबोध राम ने बताया है कि शादी के बाद से ससुराल पक्ष के लोग उनकी बहन को दहेज देने के लिये प्रताड़ित किया करते थे। दहेज नहीं देने को लेकर ससुराल पक्ष के लोगों ने उनकी बहन की हत्या कर दी है। मामले की जानकारी मिलने के बाद डा. नम्रता आनंद ने मानव अधिकार रक्षक टीम के सदस्यों के साथ बातचीत की और यह निर्णय लिया गया है कि हर हाल में विभा कुमारी को न्याय दिलाया जायेगा।

इसी क्रम में डा. नम्रता आनंद, मानव अधिकार रक्षक की संस्थापिका रीता सिन्हा,राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार, बिहार प्रदेश अध्यक्ष चेतन थिरानी, सदस्य रश्मि सिन्हा, सरिता देवी और अन्य सदस्यों के साथ विभा कुमारी के मायके मोहनपुर धनराज गांव पहुंची।इसी क्रम में मानव अधिकार रक्षक टीम के लोगों ने मोहनपुर गांव के मुखिया (समनपुरा पंचायत) सहिन्द्र सहनी, ग्रामीण प्रो. लक्ष्मण राम, प्रेम कुमार यादव, सफल राम ,चंदन कुमार से मुलाकात कर घटना की जांच की।

मानव अधिकार रक्षक की संस्थापिका रीता सिन्हा ने कहा, आज दहेज प्रथा सभी जगह व्याप्त है । इस कुप्रथा ने लड़कियों के पिता का जीवन दूभर कर दिया है ।कितनी वधुएं दहेज की खातिर जीवित जला कर मारी जा रही हैं ।इस सामाजिक कोढ़ से तभी मुक्ति मिल सकती है जब युवा वर्ग इस ओर अग्रसर हो । दहेज जैसी कुरीति को दूर करने के लिए देश के युवा वर्ग को आगे आना ही होगा ।

समाजसेवी डा. नम्रता आनंद ने कहा, हमारे समाज में दहेज प्रथा एक ऐसा सामाजिक अभिशाप है जो महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों, चाहे वह मानसिक हों या फिर शारीरिक, को बढावा देता है। इस व्यवस्था ने समाज के सभी वर्गों को अपनी चपेट में ले लिया है। दहेज लोभी व्यक्ति को अपने कृत्य की सख्त सजा मिल सके और समाज में भी यह संदेश पहुंचे कि दहेज के लालचियों को कानून बख्शेगा नहीं। दहेज की प्रथा इतनी प्रबल हो गई है कि लोगों में इसके विरोध में आवाज उठाने की मानो शक्ति ही नहीं रहती है।यही कारण है कि, हम लोग दहेज के कारण नवविवाहिता दुल्हनों की मौत के कई मामले सुनते हैं। इसीलिए इस प्रथा को समाप्त करने की आवश्यकता है।

मानव अधिकार रक्षक के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने कहा, दहेज प्रथा सामाजिक अभिशाप है जिसे दूर करने के लिए एक ओर तो सरकार को कड़े कानून बनाने चाहिए और उनका पालन सुनिश्चित कराया जाना चाहिए, तो दूसरी ओर समाज को भी इस दिशा में सक्रिय भूमिका का निर्वाह करते हुए ठोस उपाय करने चाहिए।

मानव अधिकार रक्षक के प्रदेश अध्यक्ष चेतन थिरानी ने कहा, दहेज प्रथा मिटाने के लिए देश के हर एक व्यक्ति को आगे आना चाहिए। दहेज विरोधी कानून को अधिक कठोर बनाए और उसका पालन कराया जाना चाहिए। मानव अधिकार रक्षक की टीम के सभी सदस्यों ने कहा कि विभा कुमारी के परिजनों को न्याय दिलाने में कोई कसर नही रखी जायेगी।

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