पटना : अमित शाह ने सभी बाधाओं को पार करते हुए अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया, जो किसी भी केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा पहली बार किया गया है। रक्षा करने और अप्रिय ताकतों से निपटने के लिए सशस्त्र बलों के मनोबल को बढ़ाने वाली यह यात्रा शाह की नेतृत्व गुणवत्ता खासकर सामने से नेतृत्व करने के दर्शन को प्रदर्शित करता है। शाह ने संवेदनशील वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर पूर्वोत्तर राज्य के पहाड़ी इलाके किबिथू में जवानों के बीच एक रात भी बिताई, जो आईटीबीपी के जवानों के उत्साहवर्धन के लिए काफी महत्वपूर्ण था।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री सीमा से सटे भारत के पहले गाँव किबिथू खाली हाथ नहीं गए। इस तथ्य से पूरी तरह अवगत कि क्षेत्र सभी पहलुओं में विकास से वंचित है, उन्होंने उन्हें 4,800 करोड़ रुपये के लागत से वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) का उपहार दिया।
सरकार पिछले वित्त वर्ष से चार साल के लिए विशेष रूप से सड़क संपर्क हेतु 2,500 करोड़ रुपये सहित 4,800 करोड़ रुपये के केंद्रीय योगदान के साथ ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ चला रही है।
किबिथू कार्यक्रम में शाह ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत अपनी जमीन के एक इंच हिस्से पर भी अतिक्रमण नहीं होने देगा। वो जमाना बीत गया जब कोई भी ऐसा कर सकता था। एक सच्चे नेता की तरह, उन्होंने आईटीबीपी के जवानों और सेना को पूरा श्रेय दिया, जिन्होंने अपनी बहादुरी के कार्यों के माध्यम से दिखाया है कि “कोई भी हमारे देश की सीमाओं को चुनौती नहीं दे सकता है।”