कमल की कलम से !
दिल्ली की विरासत में 2,000 साल का इतिहास है और जिसके किले,हवेली,बावली,और दरवाजा ने दिल्ली शहर को विश्व विरासत शहर के खिताब से नवाजा है.यदि हम पूरी दिल्ली की ही विरासतें को जानने की कोशिश करें तो पूरी जिंदगी भी कम पड़ जाये.पर हमारा वादा है आपसे कि हम आपको सारी विरासतें दिखाते ही रहेंगे.
आज हम आपको एक खूबसूरत और शान्त जगह पर लेकर चलते हैं जो बाराखंभा के नाम से जाना जाता है और ग्रीन पार्क,हौज खास में स्थित है.
बाराखंभा शब्द का अर्थ होता है’बारह स्तंभ’.मतलब यह इमारत बारह खम्बों पर खड़ा है.
वैसे तो दिल्ली में इस नाम से कई मध्ययुगीन स्मारक हैं जिसमें निजामुद्दीन में एक बाराखंबा और दूसरा दिल्ली गोल्फ कोर्स में भी है. पर आज हम बात कर रहे हौज खास में स्थित बारहखम्बे की जो तुगलक काल की 14 वीं शताब्दी में बनी इमारत है.सभी जगहों के ऐसी इमारतों में एक बात समान है कि सब की छत बारह स्तंभों द्वारा ही खड़ा है.और इमारत आम तौर पर चार-तरफा है,जिसमें प्रत्येक तरफ तीन धनुषाकार प्रवेश द्वार हैं.
ग्रीन पार्क वाले बाराखंभा में अलग-अलग चौड़ाई के बारह स्तंभ हैं जिन पर छत टिकी हुई है.खंभों के बीच चारदीवारी है.कहा जाता है कि यह इमारत एक मकबरा है पर आश्चर्य की बात है कि इसके अंदर कोई कब्र ही नहीं है.जबकि बाराखंभा के बाहर कई कब्र दिख रही थी.इस इमारत के बाहर इससे सटा हुआ एक सूखा कुआँ (बावली) भी है.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बस द्वारा या येलो लाइन मेट्रो से यहाँ पहुँच सकते हैं.मेट्रो स्टेशन हौज खास है जबकि बस बस स्टैंड हौज खास विलेज है.यहाँ से 405A , 419, 433 , 440, 450, 507 ,522CL नम्बर की बस गुजरती है.एयरपोर्ट से यह 11 किलोमीटर की दूरी पर है.