महिलाओं को लुभा रहीं हैंडवर्क की साड़ियां

पटना। तारामंडल में चल रहे दस दिवसीय सिल्क प्रदर्शनी में पटनाइट्स जमकर खरीददारी करते नजर आ रहे हैं।

सिल्क इंडिया प्रदर्शनी के सातवां दिन महिलाओं ने करवा चैथ के लिए हैंडवर्क की साड़ियों की खरीदारी की।

सिल्क बुनकरों ने बताया कि दिवाली, छठ व्रत को खास बनाने के लिए महिलाएं कारीगरी वाली साड़ियां अधिक पसंद कर रही हैं। वहीं, करवा चैथ, दीवाली व छठ की पारंपरिकता को ध्यान में रखकर सिल्क कारीगरों ने अपने अपने राज्यों की बेहतरीन उत्पादों को पेश किया है। हस्तशिल्पी के निदेशक टी अभिनन्द ने बताया कि प्रदर्शनी में आने वाली महिलायें सबसे अधिक हैंडवर्ककी साड़ियां पसंद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि करवा चौथ व छठ के लिए देश भर के सिल्क बुनकरों ने बेहतरीन उत्पाद लाये हैं।

कोलकाता के एसएस इंटरप्राइजेज की मिठू मित्रा सोने के थ्रेड से बनाई गई बालुचेरी व शरनाचेरी की साड़ियां लेकर आई हैं। इसमें मीनाकरी के साथ हाथ से बुनाई पसंद आ रही है। इसकी कीमत 83 हजार है। वहीं, 65 हजार में मिल रही ढाकाई मसलिन के अलावा तसर, कांथा वर्क व सिल्क की साड़ियों पर की गई पेंटिंग लोगों को पसंद आ रही है। पेंटिंग में एथनिक प फेस पेंटिंग खास है।

प्रदर्शनी में सबसे बेहतरीन वर्क वाली नक्सी कांथा वर्क की साड़ी भी लाई गई है। इसकी कीमत 18 हजार से शुरू है। भागलपुर के एफिनिटी सिल्क के आलम आलम के स्टॉल पर मूंगा, कोसा, कटिया व कॉटन सिल्क की साड़ियां डिमांड में है। सूट के अलावा लिनेन फैब्रिक भी है। संप्रदा सिल्क के रमेश व अब्बास ने बताया कि कोचमपल्ली गांव में बनी इक्कत सिल्क साड़ी के अलावा गढ़्वाल साड़ी लाये हैंञ।

इसके अलावा इक्कत वर्क में दुपट्टा व फैब्रिक भी है। आरजू हैंडलूम के मुदस्सिर ने बताया कि यूपी के आजमगढ़ के पास मुबारकपुर में बनी करिश्मा साड़ियां विशेष धागे से बनी हैं। कम दाम में बेहतर साड़ियों के लिए इसे लोग रहे हैं। वहीं, ठंड के समय में इस्तेमाल होने वाली कश्मीर की पशमीना शॉल से लेकर दूसरे गर्म कपड़े भी हैं।

विदित हो कि आयोजन समिति के प्रेमपाल ने बताया कि प्रदर्शनी में 60 से अधिक स्टॉल लगे हैं। चार दिनों में लोगों ने काफी खरीदी की है। यहां बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, यूपी, मध्यप्रदेश, केरल, गुजरात, कश्मीर समेत ढेरों राज्यों के मशहूर कपड़े लाये गये हैं।

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