नवंबर माह में वस्तु एवं सेवा कर (GST) ने अच्छा सरकारी खजाना भर दिया है। साफ है कि देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने के साथ ही जीएसटी राजस्व संग्रह में भी तेजी का रुख बना हुआ है। कोरोना के चलते बीच में मंदी देखी गई थी लेकिन अब हालात तेजी से सुधर रहे हैं। बता दें, यह जीएसटी संग्रह पिछले महीने हुए संग्रह से अधिक है। इस प्रकार जीएसटी लागू होने के बाद से यह दूसरी सबसे बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जी हां, नवंबर में राजस्व संग्रह 1.31 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है।
गौरतलब हो नवम्बर, 2021 में सकल GST राजस्व संग्रह 1,31,526 करोड़ रुपए रहा। इसमें CGST 23,978 करोड़ रुपए, SGST 31,127 करोड़ रुपए, IGST 66,815 करोड़ रुपए (वस्तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 32,165 करोड़ रुपए सहित) और उपकर (सेस) 9,606 करोड़ रुपए (वस्तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 653 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं।
GST मुआवजे के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 17 हजार करोड़ रुपये किए जारी
सरकार ने नियमित निपटान के रूप में CGST के लिए 27,273 करोड़ रुपए और IGST से SGST के लिए 22,655 करोड़ रुपए का निपटान किया है। नवम्बर 2021 में नियमित निपटान के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्व CGST के लिए 51,251 करोड़ रुपए और SGST के लिए 53,782 करोड़ रुपए है। केंद्र ने 3 नवंबर, 2021 को GST मुआवजे के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 17,000 करोड़ रुपये भी जारी किए हैं।
जारी राजस्व से 25 प्रतिशत और 2019-20 की तुलना में 27 प्रतिशत रहा अधिक
लगातार दूसरे महीने GST मुआवजे के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 17,000 करोड़ रुपये भी जारी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है। नवंबर 2021 माह के लिए राजस्व पिछले साल के इसी महीने के GST मुआवजे के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 17,000 करोड़ रुपये भी जारी राजस्व से 25 प्रतिशत और 2019-20 की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक रहा है। इस महीने के दौरान वस्तुओं के आयात से प्राप्त राजस्व 43 प्रतिशत अधिक और घरेलू लेन-देन (सेवाओं के आयात सहित) से प्राप्त राजस्व पिछले साल के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक रहा।
अप्रैल 2021 के बाद दूसरा बड़ा संग्रह
नवंबर 2021 के लिए GST राजस्व जीएसटी की शुरुआत के बाद से दूसरा सबसे अधिक राजस्व रहा है। यह अप्रैल 2021 के बाद दूसरा बड़ा संग्रह है, जो साल के अंत के राजस्व से संबंधित था और पिछले महीने के संग्रह से अधिक रहा, इसमें त्रैमासिक दाखिल की जाने वाली आवश्यक रिटर्न का प्रभाव भी शामिल रहा है। यह काफी सीमा तक आर्थिक सुधार की प्रवृत्ति के अनुरूप है।
इन वजहों से रिटर्न दाखिल करने में लगातार हुआ सुधार
अधिक जीएसटी राजस्व का यह वर्तमान रुझान विभिन्न नीतिगत और प्रशासनिक उपायों का परिणाम रहा है, जो अतीत में अनुपालन में सुधार करने के लिए उठाए गए हैं। केन्द्रीय कर प्रवर्तन एजेंसियों ने राज्य के समकक्षों के साथ जीएसटीएन द्वारा विकसित विभिन्न आईटी उपकरणों की मदद से बड़े कर चोरी के मामलों का पता लगाया है, जिनमें मुख्य रूप से नकली चालान से संबंधित मामले शामिल हैं, जो संदिग्ध करदाताओं का पता लगाने के लिए रिटर्न, चालान और ई-वे बिल डेटा का उपयोग करते हैं।
पिछले वर्ष बड़ी संख्या में पहल शुरू की गई हैं जिनमें सिस्टम क्षमता में बढ़ोतरी, रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि के बाद रिटर्न फाइल न करने वालों पर कार्रवाई, रिटर्न की ऑटो-पॉपुलेशन, ई-वे बिलों को अवरुद्ध करना और रिटर्न दाखिल न करने वालों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट पास करना आदि शामिल हैं। इससे पिछले कुछ महीनों के दौरान रिटर्न दाखिल करने में लगातार सुधार हुआ है।