पटना- जागरूकता केंद्रित ‘वॉकथॉन 2025’ का भव्य आयोजन

विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर आज 28 जुलाई को पटना में जागरूकता केंद्रित ‘वॉकथॉन 2025’ का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम मंगल मार्केट, पिलर नंबर-72, राजा बाज़ार, बेली रोड से शुरू होकर चिड़ियाघर के गेट नंबर-1 तक चला। इस स्वास्थ्ययात्रा में 100 से अधिक लोगों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जबकि मौके पर ही 60 प्रतिभागियों की हेपेटाइटिस बी और सी की मुफ्त जांच के साथ फाइब्रोस्कैन टेस्ट भी किया गया।

कैप-टीशर्ट का वितरण

सुबह 6:30 बजे से प्रतिभागियों की रिपोर्टिंग शुरू हुई। गैस्ट्रो एंडोस्कोपी सेंटर, पटना की ओर से सभी प्रतिभागियों को कैप और टी-शर्ट वितरित की गईं, ताकि एकरूपता और संदेश का स्पष्ट संप्रेषण हो सके। प्रतिभागियों ने पोस्टर, स्लोगन और बैनर के साथ जागरूकता संदेश दिए।

डॉ. अमितेश कुमार ने दी जागरूक रहने की अपील

आयोजन के संरक्षक और गैस्ट्रो एंडोस्कोपी सेंटर, पटना के प्रमुख डॉ. अमितेश कुमार ने कहा कि हेपेटाइटिस अक्सर ‘साइलेंट किलर’ की तरह काम करता है। लक्षण देर से सामने आते हैं और तब तक लीवर काफी नुकसान झेल चुका होता है। हमारा लक्ष्य है कि समाज के हर वर्ग तक जांच, टीकाकरण (विशेषकर हेपेटाइटिस बी) और समय पर उपचार का संदेश पहुँचे। वॉकथॉन के जरिए हम यही बताना चाहते हैं कि बीमारी से डरने के बजाय समय रहते जांच कराएं और जागरूक रहें।

उन्होंने आगे कहा कि फाइब्रोस्कैन एक नॉन-इनवेसिव (बिना चीर-फाड़ के) टेस्ट है, जो लीवर की कठोरता (फाइब्रोसिस) और चर्बी (फैटी लिवर) का आकलन करने में मदद करता है। यानी मरीज को बिना दर्द और बिना ज्यादा समय लिए रिपोर्ट मिल सकती है।

क्यों ज़रूरी है यह मुहिम?

हेपेटाइटिस बी और सी लीवर को दीर्घकालिक रूप से प्रभावित कर सकते हैं और सिरोसिस व लीवर कैंसर तक का कारण बन सकते हैं।

– हेपेटाइटिस बी के लिए टीका (वैक्सीन) उपलब्ध है, जिसे समय पर लगवाना बेहद महत्वपूर्ण है।

सुरक्षित रक्त संक्रमण, डिस्पोजेबल सुई का उपयोग, सुरक्षित यौन संबंध और नियमित जांच ही रोकथाम की बुनियादी शर्तें हैं।

लक्षण न दिखने पर भी जोखिम वाले समूहों (स्वास्थ्यकर्मी, डायलिसिस पर रहने वाले मरीज, रक्ताधान का इतिहास रखने वाले, ड्रग्स इंजेक्ट करने वाले, असुरक्षित टैटू/पियर्सिंग कराने वाले आदि) को नियमित स्क्रीनिंग करानी चाहिए।

प्रतिभागियों में दिखा जोश, मिला स्पष्ट संदेश

वॉकथॉन में युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और स्वास्थ्यकर्मियों की अच्छी-खासी मौजूदगी रही। प्रतिभागियों ने “Hepatitis: Let’s Break It Down” के संदेश के साथ लोगों से जांच, टीकाकरण और समय पर इलाज के लिए आगे आने की अपील की।

गैस्ट्रो एंडोस्कोपी सेंटर, पटना की टीम ने बताया कि जागरूकता की यह कड़ी यहीं नहीं थमेगी। आने वाले दिनों में भी फॉलो-अप काउंसलिंग, आवश्यक टीकाकरण और रेफरल उपचार की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी, ताकि जिन मरीजों की जांच में समस्या सामने आए, उन्हें समय पर उचित देखभाल मिल सके।

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