पटना। जे पी आन्दोलनकारी संघर्ष मोर्चा के प्रधान महासचिव एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव मदन शर्मा तथा प्रदेश कार्यालय सचिव चन्देश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि वर्ष 1974 से 1977 तक लोक नायक जयप्रकाश जे पी आन्दोलन में देशभर में हजारों हजार नेताओं एवं छात्र नेताओं को कारा में बंदी बनाये गये थे जिसमें बिहार से हजारों नेताओं को कारा में बंदी बनाये गये थे। बिहार सरकार ने वर्ष 2009 से मीसा एवं डीआईआर के तहत बंदी बनाये गये नेताओं को सम्मान पेंशन लागू है और पेंशन मिल रहा है परन्तु कारा में बंदी बनाये गये नेताओं को आज भी आधा से ज्यादा को जे पी सम्मान पेंशन से वंचित रखा गया है जो जेपी सेनानियों के लिए दुर्भाग्य की बात है। वर्ष 1974 से 1977 तक जे पी सेनानियों ने जे पी आन्दोलन में फ रारी एवं भूमिगत होकर आन्दोलन को आगे बढ़ाया उन्हें भी जे पी सम्मान पेंशन देने के दिशा में वर्ष 2015 में राज्य सरकार के गृह विशेष विभाग ने फरारी एवं भूमिगत जे पी आन्दोलनकारियों से आवेदन लिया गया तथा दिये गये सभी आवेदनों को जे पी सेनानियों को त्रिसदस्यीय कमिटी ने सभी आवेदनों को जांच करा कर समर्पित किया गया वह विभाग में जे पी सम्मान परिषद में विचाराधीन है जिससे आन्दोलनकारियों में निराशा व्याप्त है। फ रारी एवं भूमिगत आन्दोलनकारियों की उम्र भी अबतक 65 वर्ष से उपर है। श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से मांग किया है कि कारा में बंदी बनाये गये शेष बचे जे पी सेनानियों तथा फ रारी एवं भूमिगत जे पी आन्दोलनकारियों को अविलंब समान पेंशन दिया जाय।
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