जयपुर 10 जुलाई 2022:ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ़्रेन्स द्वारा जयपुर में आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री स्व माणिक्य लाल वर्मा एवं अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में आयोजित व्याख्यानमाला एवं सैनिक सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए नेताजी की तथाकथित मृत्यु की गुत्थी सुलझाने की अपील भारत सरकार से की।
श्री प्रसाद ने कहा कि 5 जुलाई 1943 स्वाधीनता संग्राम का एक स्वर्णिम पड़ाव है जब नेताजी ने सिंगापुर के टाउन हॉल से आइएनए के जवानों से दिल्ली चलो का आह्वान किया था। ब्रिटिश एवं कामन्वेल्थ की सेनाओं से आइएनए के जवानों ने म्यांमार ,इम्फ़ाल एवं कोहिमा में भीषण लड़ाई लड़ी। वहीं 21 ऑक्टोबर 1943 को नेताजी ने स्वतंत्र भारत की पहली अस्थायी सरकार का गठन कर दिया।
इस सरकार को दुनियाँ के अनेक मुल्कों चीन, जापान, मांचुके, कोरिया, जर्मनी, आयरलैंड, इटली आदि ने कूटनीतिक मान्यता प्रदान कर भारत की आज़ादी की पृष्ठभूमि लिख दी। जापान ने इस कार्य के लिए नयी सरकार को अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह भी सौंप दिए थे।
इस अवसर पर श्री प्रसाद ने राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री स्व माणिक्यलाल वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवचरन माथुर, स्वतन्त्रता सेनानी मथुरा प्रसाद माथुर को भी श्रद्धांजलि दी एवं पूर्व सेनाधिकारियों को सम्मानित भी किया।
जीकेसी आर्मी वेटेरंस के ग्लोबल अध्यक्ष मेजर जेनरल अनुज माथुर ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की युद्ध नीति एवं राजनयिक कौशल की प्रशंसा करते हुए उन्हें भारत का महान सपूत बताया।
ग्लोबल महासचिव अनुराग सक्सेना ने राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानियों के अविस्मरणीय भूमिका की चर्चा करते हुए उनकी स्मृतियों को सहेजने की अपील की।
ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव ने माँ भारती के ओजस्वी सपूतों के त्याग एवं बलिदान को अनुकरणीय बताया ।
समारोह में सेना के पूर्व अधिकारियों सर्वश्री कैप्टन रमेश शंकर माथुर, इंद्र माथुर, कर्नल बी.एल. माथुर, ब्रिगेडियर संदीप सिन्हा, राजकुमार सक्सेना एवं कर्नल अक्षय माथुर उनकी वीरता एवं स्मरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राजस्थान इकाई की महासचिव सपना वर्मा ने अतिथियों का सम्मान किया। वहीं राष्ट्रीय संगठन मंत्री शुभ्रांशु श्रीवास्तव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर आदित्य नाग, आलोक श्रीवास्तव, राष्ट्रीय महिला कार्यकारी अध्यक्ष रचना सक्सेना, डॉक्टर राजीव सक्सेना, अनुज श्रीवास्तव, विपिन माथुर आदि ने अपने विचार रखे।