पटना। बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बिहार में लोक शिकायत निवारण अधिनियम आमजनों के लिए ठगी और आंखों में धूल झोंकने वाला है। जब यह बातें राजद और विपक्ष की ओर से कहीं जाती थी तो सरकार के लोग मानने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में इस अधिनियम के कारनामों की पोल खुल गई और आम लोगों ने सरकार को आईना दिखाते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि बिना रिश्वत के कोई भी काम नहीं होता है। पदाधिकारी को किसी का भी डर नहीं है हद तो यह है कि दो बार की समीक्षा बैठक मे भी पदाधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया था कि लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत आम जनों का काम बेहतर ढंग से किया जा रहा है।
एजाज ने कहा कि मुख्यमंत्री आश्चर्यचकित तब रह गए जब उनके सामने मुजफ्फरपुर निबंधन विभाग के कारनामों की पोल खोलते हुए एक व्यक्ति ने स्पष्ट रूप से बताया कि पदाधिकारी कहते हैं कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पास जाकर भी शिकायत करोगे तब भी कोई काम बिना दस हजार रुपये दिए नहीं होगा।
उन्होंनेे कहा कि जिन शब्दों का प्रयोग पदाधिकारियों के द्वारा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के लिए किया जा रहा है तो यह आम जनों के लिए डराने वाली स्थिति है यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि अफसरों के कारण ही बिहार में जनप्रतिनिधियों और आम जनों की बातें नहीं सुनी जा रही है। ऐसे अफसरों के काले कारनामों को सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आश्चर्यचकित होना यह स्पष्ट संकेत है कि बिहार में सुशासन के नाम पर आमजनों पर अफसरों के माध्यम से दमन का शासन चल रहा है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस राज के संबंध में जो बातें कही थी उसका भी पोल जनता दरबार में लोगों ने मुख्यमंत्री के सामने खोल दिया और कहा कि पुलिस पदाधिकारी और थानेदार बिना चढ़ावा के कोई केस दर्ज नहीं करते हैं और पुलिस पदाधिकारियों के ईशारे पर ही शराब का होम डिलीवरी चल रहा है। नीतीश कुमार के जनता दरबार में जो मामले आ रहे हैं इस पर मुख्यमंत्री संज्ञान लेते हुए ऐसे पदाधिकारियों पर कार्रवाई करें अन्यथा यह जनता का दरबार नहीं बल्कि राजा के दरबार ही समझा जाएगा जहां सिर्फ अफ सरो की ही सुनी जाती है।
श्वेता / पटना