पटना -पटना से वैशाली के लिए दस मीटर चौड़ी सड़क बनेगी। राज्य सरकार यह सड़क एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के सहयोग से बनाएगी। सरकार ने इसका नाम वैशाली कॉरिडोर रखा है। इस नए एलाइनमेंट को सड़क व परिवहन मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है। मामला अभी वित्त मंत्रालय में है। वहां से हरी झंडी मिलते ही सड़क निर्माण के लिए लोन लेने की प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रस्तावित नई सड़क के निर्माण से वैशाली जाने के लिए न तो गंगा सेतु का इस्तेमाल करना होगा न ही हाजीपुर में जाम का झमेला झेलना होगा। इतना ही नहीं गया, नवादा, नालंदा आदि दक्षिण बिहार के लोगों को वैशाली जाने के लिए पटना आने की जरूरत नहीं होगी। कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल से गंगा पार कर 53 किलोमीटर की दूरी तय कर वैशाली पहुंच जाएंगे। वैशाली से पूर्वी और पश्चिम चंपारण, नेपाल, गोपालगंज और उत्तरप्रदेश जाने का विकल्प पहले से तैयार है।
पहले प्रस्तावित सड़क को चकलालशाही से गाजीपुर और फिर लालगंज लाने की योजना थी। लेकिन यह सड़क राष्ट्रीय उच्चपथ (एनएच) है और इसे केन्द्र सरकार फोर लेन बना रही है, लिहाजा एलाइनमेंट बदल दिया गया। अब नई सड़क कच्ची दरगाह -बिदुपुर पुल से उतरने वाली सड़क के कुछ ही दूरी पर शुरू होगी। हाजीपुर-महुआ-ताजपुर रोड को यह 12वें किलोमीटर पर रानीपोखर में क्रास करेगी। उसके बाद हाजीपुर-मुजफ्फरपुर सड़क को सराय में क्रास कर लालगंज पहुंच जाएगी। वहां से वैशाली होते हुए छपरा-मुजफ्फरपुर सड़क में मानिकपुर के पास मिलेगी।
वैशाली की दूरी हो जाएगी कम इस सड़क के निर्माण से वैशाली की दूरी काफी कम हो जाएगी। दरभंगा, समस्तीपुर व बेगूसराय से भी वैशाली जाना आसान हो जाएगा। कई नए इलाके भी पटना से जुड़ जाएंगे। बड़ी समस्या यह है कि 32 किलोमीटर ग्रीनफील्ड होने के कारण जमीन अधिग्रहण का खर्चा अधिक पड़ रहा है।
विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल एक कड़ी में जुड़ेंगे कॉरिडोर के निर्माण से राज्य के विश्व विख्यात पर्यटन स्थल बोधगया, नालंदा, राजगीर और वैशाली एक कड़ी में जुड़ जाएंगे। बोधगया से राजगीर नालंदा तकदस मीटर चौड़ी सड़क पहले से है। पटना- राजगीर चौड़ी सड़क का निर्माण हो चुका है। इस तरह इन स्थलों पर आवाजाही पर्यटकों के लिए काफी सुगम हो जाएगी।