1- यदि गोमती चक्र को शुभ नक्षत्र या शुभमुहूर्त में लाल डिब्बी में करके घर मे रखें तो घर मे निश्चय ही सुख-शांति बनी रहती है।
2-यदि घर में किसी को कोई रोग हो और वह रोग सीघ्र ठीक न हो रहा हो तो शुभमुहूर्त में एक गोमती चक्र लेकर उसे श्री सीताराम जी को समर्पित के घर लावें उसे चाँदी में पिरोकर रोगी के बेड या पलँग के पाये में बांध दें ! ऐसा करने से उसी दिन से रोगी का रोग समाप्त हो जाता है और धीरे-धीरे उसे आराम मिल जाता है।
3- व्यापार वृद्धि हेतु किसी शुभमुहूर्त में दो गोमती चक्र लेकर उसे लाल कपड़े में बांधकर दुकान के दरवाजे की चौखट पर लटका दें और ग्राहक उसके नीचें से निकल कर प्रतिष्ठान के अंदर जाए तो निश्चय ही व्यापार में वृद्धि होती है।
4- यदि शुभमुहूर्त में 11 गोमती चक्र सुंदर लाल पोटली में बांध कर दुकान में उत्तम स्थान में रखें तो जब तक वह पोटली दुकान में रहेगी तब तक निश्चय ही व्यापर में वृद्धि होती रहेगी। या व्यापर रुका गया हो तो फिर सुरु हो जाएगा व्यापर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी ऐसे शास्त्र कहता है।
5-अगर पाँच गोमती चक्र दीपावली के दिन अपने पूजन घर में स्थापित करें और उन्हें लक्ष्मी जी मान कर नित्य पूजन करें ,तो आपके जीवन मे निरन्तर उन्नति बनी रहेगी इसमें कोई संशय नही।
आचार्य स्वामी विवेकानन्द जी
ज्योतिर्विद, वास्तुविद व सरस् श्रीरामकथा कथा व श्रीमद्भागवत कथा व्यास श्रीधाम श्री अयोध्या जी संपर्क सूत्र:-9044741252