मढ़ौरा थाना क्षेत्र के आवारी रेलवे क्रॉसिंग के पास जिला परिषद अध्यक्ष मीना के भैंसुर अर्जुन सिंह (55 वर्ष) की गोली मारकर रविवार की सुबह करीब 9:00 बजे हत्या कर दी गयी। हत्यारों तथा हत्या के कारणों का अभी पता नहीं चला है। इस घटना के बाद से मढौरा बाजार बंद हो गया है।
आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर मढौरा छपरा सड़क मार्ग पर आवागमन बाधित कर दिया है। इस घटना के बाद से भय व आतंक का माहौल कायम हो गया है। आक्रोशित लोग थाना के समक्ष प्रदर्शन कर रहे हैं।
पुलिस प्रशासन आक्रोशित लोगों के सामने आने से बच रही है। बताया जाता है कि आवारी गांव निवासी तथा जिला परिषद अध्यक्ष के भैंसुर अर्जुन सिंह अपने घर से मढौरा बाजार मोटरसाइकिल से जा रहे थे। इसी दौरान आवारी रेलवे क्रॉसिंग के पास पहले से घात लगाकर बैठे बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया और फरार हो गये। घायल अवस्था में आस-पास के लोग इलाज के लिए उन्हें लेकर रेफरल अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
यह खबर मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई और मढौरा बाजार को लोगों ने बंद करा दिया और थाना के समक्ष प्रदर्शन शुरू कर दिया । छपरा- मढौरा, अमनौर- मशरक पथ पर आवागमन बाधित कर दिया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि 20 अगस्त 2019 को मढौरा में एसआइटी के दारोगा मिथिलेश कुमार साह तथा सिपाही मोहम्मद फारुख के हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त सुबोध कुमार सिंह अर्जुन सिंह का पुत्र है, जो अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
दारोगा हत्या के मामले में अर्जुन सिंह के भाई अरूण कुमार सिंह छपरा जेल में बंद हैं। जबकि दो दिन पहले अरूण कुमार सिंह की पत्नी जिला परिषद अध्यक्ष मीना अरूण जमानत पर रिहा हुई है । हत्या की इस घटना को लेकर मढौरा में करीब तीन दशक से जारी वर्चस्व की लड़ाई का हिस्सा माना जा रहा है। मुख्य रूप से यहां राजनीतिक संरक्षण प्राप्त दो जातियो के अपराधियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई 80 के दशक से चली आ रही है। इस लड़ाई में अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और इससे जुड़े कई मुकदमें आज भी लंबित है।
ऐसा माना जा रहा है कि वर्चस्व की लड़ाई में यह घटना हुई है। फिलहाल पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से इंकार कर रही है। समाचार लिखे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सका है। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है और इसकी जांच पड़ताल कर रही है। हत्या के बाद उत्पन्न तनाव तथा आक्रोश को नियंत्रित करने में प्रशिक्षु आईपीएस सह थानाध्यक्ष संदीप सिंह समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी जुटे हुए हैं।