पटना : राजधानी पटना के कंकड़बाग स्थित गंगा देवी महिला महाविद्यालय में स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि रेणु देवी, माननीय उपमुख्यमंत्री बिहार, विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद सह भाजपा संस्थापक सदस्य रविन्द्र किशोर सिन्हा, विधान पार्षद नवल किशोर यादव, कुम्हरार विधायक अरुण कुमार सिन्हा, महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. मणिबाला ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
इस मौके पर माननीय अतिथियों द्वारा महाविद्यालय के वार्षिक पुस्तक का विमोचन किया गया। इस मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि रेणु देवी ने कहा कि महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती की हार्दिक बधाई देती हूं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में इस महाविद्यालय की छात्राएं नई बुलंदियों को छू रही हैं। माननीय प्रधानमंत्री का कहना है कि महिलाओं के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता। इसलिए हमारे देश की लड़कियां आज पढ़ लिखकर देश ही नहीं विदेशों में भी अपने देश का नाम रौशन कर रही हैं। वहिं पूर्व सांसद रविन्द्र किशोर सिन्हा ने कहा है कि इस महाविद्यालय से हमारा पुराना संबंध रहा है। आज महाविद्यालय की छात्राएं स्वर्णिम अध्याय लिख रही हैं। केंद्र सरकार एवम राज्य सरकार के सहयोग से आज देश व राज्य के विद्यालय एवम महाविद्यालय में उच्च कोटि की शिक्षा दी जा रही हैं। डिजिटल इंडिया के दौर में सरकार द्वारा छात्राओं को कंप्यूटर का ज्ञान दिया जा रहा है। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. मणिबाला ने कहा है कि यह हमारे लिए खुशी की बात है कि आज महाविद्यालय स्वर्ण जयंती हमारे नेतृत्व में मनाया जा रहा है।
महाविद्यालय में छात्राओं को विश्वविद्यालय द्वारा पठन पाठन की उचित व्यवस्था है। इस महाविद्यालय की छात्राएं आज महाविद्यालय का नाम रौशन कर रही हैं। स्वर्ण जयंती समारोह में रागिनी प्रसाद, राजनन्दन प्रसाद, अचलेश नंदन, नुपुर प्रसाद, समस्त शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी शामिल रहे। विदित हो कि 7 दिसंबर सन 1971 में गंगा देवी महिला महाविद्यालय की नींव रखी गई। महाविद्यालय स्वर्णिम वर्ष (स्वर्ण जयंती समारोह) मना रहे हैं। इस महाविद्यालय की स्थापना का श्रेय हमारे संस्थापक स्वर्गीय शिवनंदन प्रसाद जी को जाता है जो नारी शिक्षा के समर्थक थे। इन्होंने पिता के नाम पर स्कूल ष्श्री रघुनाथ प्रसाद बालिका उच्च विद्यालय की स्थापना की थी फुल शॉप तत्पश्चात लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए वे प्रयासरत थे जिसकी परिणति गंगा देवी महिला महाविद्यालय के रूप में हुई। सर्वप्रथम यह महाविद्यालय रघुनाथ प्रसाद बालिका उच्च विद्यालय के दो कमरों से आरंभ हुआ। चुकी सुबह उच्च विद्यालय की कक्षाएं चलती थी इसलिए उसके समय सारणी के बाद का समय महाविद्यालय को दिया गया। प्राचार्य के रूप में शिवनंदन प्रसाद जी की पत्नी अंजनी प्रसाद जी को पदभार सौंपा गया। इस महाविद्यालय के प्रचार प्रसार का जिम्मा परिवार के सदस्यों ने उठाया। धीरे-धीरे विषय बढ़ने लगे अधिकतर शिक्षित महिलाएं जो स्थानीय थी वह सभी अपना निशुल्क योगदान देने लगी। उसके बाद महाविद्यालय सरकार द्वारा आवंटित जमीन पर चला गया। उस समय शिक्षिकाओं को मात्र ₹100 वेतन मिलता था। सन 1976 में महाविद्यालय को मगध विश्वविद्यालय के संरक्षण में फल फूल रहा था। कला के विषय बढ़ते गए और धीरे-धीरे संबंधन प्राप्त होता गया। अब छात्राओं की रूचि विज्ञान विषय में बढ़ती गई और श्री शैलेश कुमार सिन्हा ने विज्ञान विषयों की पढ़ाई शुरू की। विज्ञान की कक्षाओं के लिए जब क्लासरूम कम पढ़ने लगे तो बगल के एक छोटे से घर को किराए पर लेकर कक्षाएं चलाई जाने लगी। सन 1950 ईस्वी में महाविद्यालय का संगीत अंगीभूतिकरण हुआ और यहां महाविद्यालय 36 महाविद्यालयों के साथ मगध विश्वविद्यालय का संगठक इकाई हो गया। ज्ञातव्य हो कि इस वजूद के लिए एक लंबी लड़ाई गई ।
इस लड़ाई के नेतृत्व करता डॉ राकेश नाथ चौबे और डॉक्टर मणि माला सिन्हा ने किया। सभी शिक्षक शिक्षिकाओं की मेहनत रंग लाई या लड़ाई जीती गई और आज महाविद्यालय नित नए आयाम बना रहा है। तत्पश्चात 1987 में प्रधानाचार्य के रूप में डॉ प्रभा सिन्हा ने पदभार ग्रहण किया और सेक्टर कंकड़बाग में एक नवनिर्मित मकान किराए पर लिया। किंतु अध्ययन अध्यापन के लिए या छोटा पड़ रहा था। तदुपरांत डॉक्टर सिन्हा जी के अथक प्रयास तथा संस्थापक जी के बड़े भाई श्री बृजनंदन प्रसाद आईजी बिहार पुलिस के सहयोग से महाविद्यालय को सरकारी जमीन उपलब्ध हुई परंतु यह जमीन पानी से भरा था। प्राचार्य सिन्हा के प्रयासों के द्वारा विज्ञान संकाय के निचले तल का निर्माण हुआ जिसका नाम प्रभा भवन रखा गया। 2006 ईस्वी में डॉक्टर कुमारी सविता ने प्रिंसिपल का पद ग्रहण किया। इन्होंने यूजीसी की फंडिंग द्वारा छात्रावास का निर्माण करवाया। सन 2011 ईस्वी में प्रोफेसर उषा सिन्हा के कार्यकाल में प्रशासनिक भवन और परीक्षा भवन का निर्माण किया गया।
महाविद्यालय में स्वर्गीय गंगा देवी को संगमरमर की प्रतिमा स्थापित की गई जिसका उद्घाटन शत्रुघ्न सिन्हा ने किया था सन 2009 में ठठड और बीसीए की पढ़ाई शुरू हुई। तत्पश्चात महाविद्यालय का सौंदर्य करण हुआ। सन 2016 में डॉ श्यामा राय ने प्राचार्य का पदभार संभाला। इनके सामने कालेज का एनएएसी कराने की बड़ी जिम्मेदारी थी।
उसी समय कालेज में जिम लैंग्वेज लैब राष्ट्रीय सेवा योजना काउंसलिंग सेल आदि का गठन किया गया। एन ए एस सी की तैयारी बहुत अच्छे से की गई और 2017 में महाविद्यालय को बी ग्रेड की प्राप्ति हुई। 18 मार्च 2018 को मगध विश्वविद्यालय का विघटन हुआ और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय बना गंगा देवी महिला महाविद्यालय पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का अभिन्न अंग है। अब महाविद्यालय की बागडोर प्राचार्य प्रोफेसर मणि बाला जी की हाथों में है।