ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद के प्रभावी एवं कुशल मार्गदर्शन में आज का दिन विश्व विजय दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लेने के बाद आज विश्वभर में बड़े धूमधाम से मनाया गया।
भारतवर्ष में सभी प्रदेशो एवं कुवैत ने पूर्णश्रद्धा एवं एकजुटता का परिचय देते हुए श्री स्वामी विवेकानंद जी ने अमेरिका के शिकागो की धर्म संसद में 11सिंतबर 1893 में दिए गए उनके ऐतिहासिक भाषण की आज 129 वीं वर्षगांठ है। स्वामी विवेकानंद जी ने विश्व धर्म संसद में भारत एवं सनातन धर्म का परचम लहराने के बाद समस्त विश्व, भारतीय आध्यात्मिक चेतना के आगे नतमस्तक हो गए थे। स्वामी विवेकानंद जी एक ऐसे संत थे जिनका रोम-रोम राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत था।
राष्ट्र के दीन- हीन जनों की सेवा को ही वे ईश्वर की सच्ची पूजा मानते थे। श्री स्वामी विवेकानंद जी ने कहा मैं उन महापुरुषों का वंशधर हूँ, जिनके चरण कमलों पर प्रत्येक ब्राह्मण यमाय धर्मराजाय चित्रगुप्ताय वै नमः का उच्चारण करते हुए पुष्पांजलि प्रदान करता है, हम सब उन राजवंशों की संतानें हैं। हम केवल बाबू बनने के लिये नहीं, अपितु हिन्दुस्तान पर प्रेम, ज्ञान और शौर्य से परिपूर्ण उस हिन्दू संस्कृति की स्थापना के लिये पैदा हुए हैं। ऐसे महापुरुष के नाम पर ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस विश्व विजय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है।
आज पुरे भारतवर्ष में विश्व विजय दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशो में रक्तदान, माल्यापर्ण, संगीत, खेलकूद, भिन्न भिन्न तरीके से श्री स्वामी विवेकानंद जी को याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस गौरवान्वित हो रहा है। श्री स्वामी विवेकानंद जी को कोटिशः नमन🙏