पटना, 03 जुलाई ग्लोबल कायस्थ कान्फेंस (जीकेसी) ने कायस्थ चौपाल का आयोजन किया, जहां महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में चर्चा की गयी।
जीकेसी बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद की अध्यक्षता में भूतनाथ रोड में स्तिथ आम्रपाली अपार्टमेंट में कायस्थ चौपाल का आयोजन किया गया।इस अवसर पर डा. नम्रता आनंद ने बताया कि प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन के प्रखर नेतृत्व में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं। घरों में रहने वाली महिलाओं ने भी बहुत से कुटीर उद्योगों से खुद को जोड़ लिया है। आज महिलायें घर बैठे ही पापड़, चिप्स, मोमबत्ती, अगरबत्ती, फूल माला, आदि बनाने का काम कर रही हैं। ऐसे उद्योगों में लगातार महिलाओं की रुचि बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि जागरूकताके अभाव में जहां तहां भटक रही महिलाओं का सशक्तिकरण कर उनके विकास के लिए उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा। महिलाओं को को प्रशिक्षण देकर उनमें हुनर पैदा किए जाएंगे।महिलाओं को कुटीर उधोग से जोड़ा जायेगा जिससे वे आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा नई सदी की नारी के पास कामयाबी के उच्चतम शिखर को छूने की अपार क्षमता है। उसके पास अनगिनत अवसर भी हैं। जिंदगी जीने का जज्बा उसमें पैदा हो चुका है। दृढ़ इच्छाशक्ति एवं शिक्षा ने नारी मन को उच्च आकांक्षाएँ, सपनों के सप्तरंग एवं अंतर्मन की परतों को खोलने की नई राह दी है।
इस अवसर पर जीकेसी महिला प्रकोष्ठ की कार्यवाहक अध्यक्ष शिखा स्वरूप ने कहा, बेटी हो या बेटा, दोनों को है पढ़ाना, कोई किसी से कम नहीं, दोनों को है आगे बढ़ाना।
महिलाएं ही समाज को जोर सकती है और समाज में शांति स्थापित कर सकती है। महिलाए आपसी मिल्लत से अपना तथा समाज का उत्थान कर सकती है। जीकेसी महिला प्रकोष्ष्ठ का गठन महिलाओं को शैक्षिक, समाजिक और राजनैतिक शिखर पर सशक्त करने की दृष्टि से किया गया है। महिलाओं को विकास की मुख्यधारा से जोडे़ बिना किसी समाज, राज्य एवं देश के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
इस अवसर पर कानन लक्ष्मी , वर्षा लक्ष्मी, पुष्पा सहाय, अंजुला सिन्हा, सुनीता श्रीवास्तव, गर्विता, अभिलाषा ऐश्वर्या सिन्हा, अंजू सिन्हा, भारती लक्ष्मी, विजया लक्ष्मी, प्रशंसा भारती , अनिता सिन्हा ,आरती सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्ति किये।